नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठक हुई जिसमें लॉकडाउन (बंद) के दौरान देशभर में लोगों के समक्ष आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के उपायों पर विचार किया गया। सरकारी सूत्रों ने बताया कि कोरोना वायरस संकट पर जीओएम ने 20 अप्रैल के बाद संक्रमण की अत्यधिक चपेट वाले इलाकों (हॉटस्पाट) की श्रेणी में नहीं आने वाले इलाकों में आंशिक आर्थिक गतिविधियां चलाने की अनुमति देने को लेकर संबंधित मंत्रालयों द्वारा की गई पहल की भी समीक्षा की।
गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाले जीओएम की यह पांचवीं बैठक थी। बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने अपने ट्वीट में कहा, जीओएम में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की। हमने लोगों को पेश आ रही परेशानियों को दूर करने के उपायों और लोगों को राहत देने के संबंध में मंत्रालयों की भूमिका पर चर्चा की। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के दौरान ऐसे दृश्य सामने आए हैं जब भारी संख्या में प्रवासी मजदूर शहरों से पैदल ही अपने गांवों के लिये निकल गए थे और ये घटनाएं सुर्खियों में रही थीं।
कई विपक्षी दलों ने भी सरकार से मांग की है कि वह लॉकडाउन के कारण नौकरियों के संभावित नुकसान और आर्थिक गतिविधियों में व्यवधान को देखते हुए गरीब लोगों के लिये कल्याणकारी कदमों की घोषणा करे। बहरहाल, राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमित गतिविधियां शुरू करने के दिशा निर्देश और रिजर्व बैंक आफ इंडिया की घोषणाएं सराहनीय पहल हैं।
वहीं, सूत्रों ने बताया, जीओएम ने सम्पूर्ण स्थिति पर विभिन्न मंत्रालयों से विचार प्राप्त किये। इसमें कोरोना वायरस से अप्रभावित इलाकों में धीरे धीरे आर्थिक गतिविधियां शुरू करने के निर्णय की सराहना की गई जहां एक भी कोरोना वायरस का मामला नहीं आया हो।सूत्रों ने बताया कि जीओएम ने समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत करीब 33 करोड़ लाभार्थियों को 31 हजार करोड़ रूपये से अधिक राशि वितरित किये जाने की सराहना की गई।
जीओएम की बैठक में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान, रेल मंत्री पीयूष गोयल, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, एचआरडी मंत्री रमेश पोरखरियाल निशंक, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, नागर विमान मंत्री हरदीप सिंह पुरी आदि ने हिस्सा लिया।