कोविड -19 : 14 शहरों में शुरू हुआ कोरोना वैक्सीन का ट्रायल

  • आईसीएमआर के साथ भारत बायेटिक कंपनी कर रही है काम
  • पहले चरण में पूरे देश से 1500 वॉलंटियर्स को किया शामिल

नई दिल्ली। देश की कोरोना वैक्सीन तैयार करने वाली कम्पनी भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च के साथ मिलकर इसका इंसानों पर ट्रायल शुरू कर दिया है। यह पहले चरण का ट्रायल है। ट्रायल में देशभर के 14 जगहों के अलग-अलग 1500 वॉलंटियर्स को शामिल किया गया है। इस चरण को ‘सेफ्टी एंड स्क्रीनिंग’ नाम दिया गया है। इस ट्रायल में जांचा जाएगा कि वैक्सीन से संक्रमण का कोई खतरा तो नहीं, लिवर और कोविड-19 पर क्या असर पड़ रहा है।

आईसीएमआर के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, पहले ट्रायल में वैक्सीन के कम डोज का इस्तेमाल किया जाएगा। ट्रायल के लिए एक नया प्रोटोकॉल जोड़ा गया है। अब आईसीएमआर इसमें शामिल होने वाले वॉलंटियर्स का एंटीबॉडी टेस्ट भी होगा। यह जानने में मदद करेगा कि ट्रायल में शामिल होने वाले वॉलंटियर्स को भविष्य में कोरोना का संक्रमण होगा या नहीं। अगर ऐसा होता है तो इन्हें आगे होने वाले ट्रायल में शामिल नहीं किया जाएगा। ह्यूमन ट्रायल में देशभर के 14 शहरों से 1500 वॉलंटियर्स शामिल होंगे।

सैम्पल कलेक्ट करने की दी जा रही ट्रेनिंग

इन शहरों में नई दिल्ली, चेन्नई, पटना, कानपुर, गोआ, गोरखपुर, भुवनेश्वर, रोहतक, विशाखापट्नम और हैदराबाद शामिल हैं। 14 शहरों के लिए किट जारी कर दी गई हैं। सैम्पल कलेक्ट करने की ट्रेनिंग दी जा रही है। भारत बायोटेक ने 29 जून को जारी अपने बयान में कहा था, ट्रायल के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया की तरह से अनुमति मिल चुकी है। वैक्सीन का एक ट्रायल पटना एम्स में होगा। इसके लिए 18-50 साल के 10 लोगों को शामिल किया गया है। पहले इनका मेडिकल चेकअप होगा।

रिपोर्ट सही मिलने पर वैक्सीन का पहला डोज दिया जाएगा

आईसीएमआर की गाइडलाइन के मुताबिक, रिपोर्ट सही मिलने पर वैक्सीन का पहला डोज दिया जाएगा। पहला डोज देने के बाद डॉक्टरों की टीम 2-3 घंटे तक मरीज पर नजर रखेगी, उसके बाद भी घर जाने को कहा जाएगा। वॉलंटियर को वैक्सीन का दूसरा डोज 14 दिन बाद दिया जाएगा। आईसीएमआर व भारत बायोटेक ने वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के लिए एम्स में 5 विशेषज्ञों की टीम गठित की गई है। कित्साधीक्षक डॉ. सीएम सिंह ने बताया कि ट्रायल में शामिल होने के लिए फोन नंबर 9471408832 जारी किया गया था जिसपर 50 से ज्यादा लोगों के फोन आए।

मई में मरीजों के ठीक होने की रफ्तार करीब 26 प्रतिशत थी

आईसीएमआर ने बताया कि मई में मरीजों के ठीक होने की रफ्तार करीब 26 प्रतिशत थी, जो मई के अंत तक बढ़कर 48 प्रतिशत हो गई। अब रिकवरी रेट 63 प्रतिशत तक पहुंच गया है। मतलब हर 100 मरीज में 63 मरीज ठीक हो जा रहे हैं। राहत की बात है कि 20 राज्यों में रिकवरी रेट नेशनल रिकवरी रेट से भी ज्यादा है। इस बीच, आईसीएमआर ने अच्छी खबर दी है। मंगलवार को काउंसिल के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव ने बताया कि देश में कोरोना के दो वैक्सीन पर काम चल रहा है। इनका चूहों और खरगोश पर ट्रायल हो चुका है। वैज्ञानिकों ने इसकी रिपोर्ट डायरेक्टर जनरल हेल्थ को दे दी है।

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