नई दिल्ली। कोटा के सरकारी अस्पताल में बच्चों की मौत के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राज्य सरकार को ठोस कदम उठाने का संदेश दिया तो बसपा अध्यक्ष मायावती और भाजपा की प्रदेश इकाई ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पूरी तरह संवेदनशील है और इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए। सूत्रों के मुताबिक, कोटा के एक सरकारी अस्पताल में बच्चों की मौत को लेकर दुख जाहिर करते हुए सोनिया ने पार्टी के राज्य प्रभारी अविनाश पांडे से स्थिति की जानकारी ली और उनके माध्यम से राज्य सरकार को यह संदेश दिया कि इस मामले में और ठोस कदम उठाए जाएं। सोनिया से मुलाकात के बाद पांडे ने संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष के पास एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी है। उन्होंने कहा, आज की मुलाकात में कई मुद्दों पर चर्चा हुई। सोनिया जी कोटा के मामले पर चिंतित हैं।
इस मामले में बसपा अध्यक्ष मायावती ने गुरूवार को ट्वीट किया ‘कांग्रेस शासित राजस्थान के कोटा जिले में हाल ही में लगभग 100 मासूम बच्चों की मौत से मांओं की गोद उजडऩा अति-दु खद और दर्दनाक है। उस पर वहां के मुख्यमंत्री गहलोत और उनकी सरकार इसके प्रति अभी भी उदासीन, असंवेदनशील तथा गैर-जिम्मेदार बने हुए हैं, जो अति-निन्दनीय है।’
उन्होंने अगले ट्वीट में कहा ‘उससे भी ज्यादा दु खद है कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व, खासकर महिला महासचिव का इस मामले में चुप्पी साधे रखना। अच्छा होता कि वह उप्र की तरह राजस्थान जाकर उन गरीब पीड़ित मांओं से भी मिलतीं, जिनकी गोद उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही के कारण उजड़ गई।’
एक अन्य ट्वीट में बसपा नेता ने कहा ‘यदि कांग्रेस की महिला राष्ट्रीय महासचिव राजस्थान के कोटा में जाकर मृतक बच्चों की मांओं से नहीं मिलती हैं तो उप्र में किसी भी मामले में पीड़ितों के परिवार से उनकी मुलाकात राजनैतिक स्वार्थ और कोरी नाटकबाजी ही मानी जाएगी, जिससे जनता को सर्तक रहना है।’
गहलोत ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर कहा है, जेके लोन अस्पताल, कोटा में हुई बीमार शिशुओं की मृत्यु पर सरकार संवेदनशील है। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। कोटा के इस अस्पताल में शिशुओं की मृत्यु दर लगातार कम हो रही है। हम आगे इसे और भी कम करने के लिए प्रयास करेंगे। मां और बच्चे स्वस्थ रहें, यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने लिखा है, राजस्थान में बच्चों के आईसीयू की स्थापना सबसे पहले हमारी सरकार ने 2003 में की थी। कोटा में बच्चों के आईसीयू की स्थापना हमने 2011 में की थी।