कोनेरू हम्पी ने टिंगजी लेई को हराकर फाइनल में बनाई जगह, अब दिव्या देशमुख से होगा मुकाबला

मुंबई । ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी ने फिडे महिला विश्व कप सेमीफाइनल में चीन की टिंगजी लेई को टाईब्रेकर में पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए हरा दिया और अब फाइनल उनका सामना हमवतन भारतीय दिव्या देशमुख से होगा। शनिवार से होने वाले फाइनल में जगह बनाने वाली हम्पी और दिव्या दोनों ने अगले साल होने वाले महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई कर लिया है।

सामान्य समय नियंत्रण में पहली दो बाजी ड्रॉ होने के बाद हम्पी को टाईब्रेकर में 1-1 से ड्रॉ के साथ संतोष करना पड़ा जिसमें दोनों खिलाड़ियों के लिए 15-15 मिनट की दो बाजी अतिरिक्त समय के साथ थी। अगली दो टाईब्रेक बाजी 10-10 मिनट की थी। लेई ने पहली बाजी जीतकर बढ़त बनाई लेकिन हम्पी ने मुश्किल स्थिति में होने के बावजूद दूसरी बाजी जीतकर मुकाबला फिर बराबर कर दिया।

टाईब्रेक बाजी के तीसरे सेट में हम्पी ने पहली बाजी में सफेद मोहरों से शुरुआत की और खेल के सभी विभागों में लेई को परास्त करते हुए इसे जीत लिया। पहली बाजी जीतने के बाद फाइनल में पहुंचने के लिए हम्पी को बस एक ड्रॉ की जरूरत थी और उन्होंने जीत हासिल करके खिताबी मुकाबले में जगह बनाई। यह पहली बार है जब किसी चेस वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत बनाम भारत मुकाबला होगा।

ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी का फाइनल मुकाबला भारत की ही खिलाड़ी दिव्या देशमुख के साथ होगा. दिव्या FIDE वूमेंस शतरंज वर्ल्ड कप में पहुंचने वाली पहली भारतीय बनी थीं. वहीं अब कोनेरू हम्पी ने भी इतिहास के पन्नों पर अपना नाम दर्ज करा लिया है. जिस टूर्नामेंट के फाइनल तक आज तक कोई भारतीय महिला नहीं पहुंची थीं, वहीं इस बार FIDE चेस वर्ल्ड कप की दोनों फाइनलिस्ट भारत की ही प्लेयर हैं.

इंटरनेशनल मास्टर दिव्या देशमुख ने बुधवार, 23 जुलाई को खेले गए फाइनल मुकाबले में ही चीन की टैन झोंग्यी को हराकर फाइनल का टिकट पक्का कर लिया. नागपुर की रहने वाली ये लड़की FIDE शतरंज वर्ल्ड कप में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला है. दिव्या देशमुख और कोनेरू हम्पी के फाइनल में पहुंचने से ये तो तय है कि इस बार चेस का विश्व विजेता भारत बनने जा रहा है.

दिव्या पहली बार खेल रहीं वर्ल्ड कप
इससे पहले अंतरराष्ट्रीय मास्टर 19 साल की दिव्या देशमुख ने फिडे महिला विश्व शतरंज कप के सेमीफाइनल के दूसरे गेम में पूर्व विश्व चैंपियन चीन की झोंगयी टैन को हरा दिया था और मिनी मैच 1.5-0.5 से जीतकर फाइनल में प्रवेश किया था। इस प्रक्रिया में दिव्या कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में जगह बनाने वाली पहली भारतीय बन गईं थीं। महिला कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट अगले साल होना है और उस टूर्नामेंट से मौजूदा महिला विश्व चैंपियन वेनजुन जू के प्रतिद्वंदी का फैसला होगा। दिलचस्प बात यह है कि दिव्या पहली बार विश्व कप में हिस्सा ले रही हैं। चीन की दूसरी वरीयता प्राप्त जोनर झू और तत्कालीन हमवतन ग्रैंडमास्टर डी हरिका को क्वार्टर फाइनल में हराने के बाद दिव्या ने इस प्रतियोगिता में अपना दबदबा बरकरार रखा और टैन के खिलाफ 101 चाल में जीत उनके बढ़ते शतरंज कौशल का प्रमाण था।

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