नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने विश्विद्यालय छात्रों के लिए अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित करने के यूजीसी के दिशा निर्देशों को बरकरार रखने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए शुक्रवार को कहा कि शिक्षा को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए।
निशंक ने ट्वीट किया, आज अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के संदर्भ में माननीय सर्वाेच्च न्यायालय ने यूजीसी के पक्ष में जो निर्णय दिया है उसका मैं हृदय से स्वागत करता हूँ। उन्होंने कहा, आइए हम शिक्षा को राजनीति से दूर रखें और अपनी राजनीति को और अधिक शिक्षित बनाएं।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायाल ने शुक्रवार को कहा कि राज्य और विश्वविद्यालय 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित किए बगैर छात्रों को प्रोन्नत नहीं कर सकते। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मामले की सुनवाई करते हुए अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराने के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि अगर किसी राज्य को लगता है कि कोविड-19 महामारी की वजह से वह नियत तारीख तक परीक्षा आयोजित नहीं कर सकता है तो उसे नई तारीख के लिए यूजीसी से संपर्क करना होगा।
पीठ ने कहा कि राज्यों को यूजीसी के दिशानिर्देशों के अनुसार ही अंतिम वर्ष की परीक्षाएं करानी होंगी और इसमें किसी भी प्रकार की छूट के लिए उन्हें अनुमति लेनी होगी। वहीं, यूजीसी ने इससे पहले कहा था कि छह जुलाई के दिशानिर्देश विशेषज्ञों की सिफारिशों पर आधारित हैं और इन्हें व्यापक विचार विमर्श के बाद तैयार किया गया है तथा यह दावा करना गलत है कि दिशानिर्देशों के अनुरूप अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित करना संभव नहीं होगा।