अकादमी की त्रैमासिक सांस्कृतिक पत्रिका छायानट का विमोचन
लखनऊ। उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ में आयोजित राज्य नाट्य समारोह की प्रथम संध्या को नाटक रश्मिरथी का मंचन किया गया। इस अवसर पर संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह जी मुख्य अतिथि के रूप में सभागार मे उपस्थित रहे। इस अवसर पर अकादमी की त्रैमासिक सांस्कृतिक पत्रिका छायानट के 168वें अंक जो सुप्रसिद्ध नाट्य विद् पद्मश्री राज बिसारिया पर केन्द्रित है का विमोचन संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री जयवीर सिंह, द्वारा किया गया। तत्पश्चात सांस्कृतिक संगम देवरिया द्वारा मानवेन्द्र त्रिपाठी के निर्देशन में तैयार प्रस्तुति रश्मिरथी का मंचन किया गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ नाट्य कर्मी डॉ. अनिल रस्तोगी, ललित सिंह पोखरिया, चित्रा मोहन एवं अन्य नाट्य प्रेमी उपस्थित रहे।
रश्मिरथी नाटक हिन्दी के महान कवि रामधारी सिंह दिनकर के प्रसिद्ध खंडकाव्य पर आधारित है, जिसमें कर्ण के चरित्र को महाभारत की सीमाओं से ऊपर उठाकर नैतिकता, संघर्ष और समाज के समक्ष उसकी स्वीकार्यता को बड़े सशक्त रूप में प्रस्तुत किया गया है। श्व्यक्ति जन्म से नहीं बल्कि कर्म से समाज में अपनी विशिष्ट पहचान बनाता है नाटक द्वारा दिए गए इस संदेश से यह नाट्य कृति समसामयिक एवं विशिष्ट हो जाती है। इस नाटक में कर्ण की मनोदशा आज वर्तमान समय में बहुताया युवकों की मनोदशा के रूप में दिखती है। इस पौराणिक कथा में कर्ण का चरित्र एक संघर्षशील, दृढ़ संकल्पवान युवा के रूप में परिलक्षित होता है। इस काव्यात्मक कृति को गद्यात्मक संवाद शैली के रूप में प्रस्तुत करना अपने आप में एक दुरूह कार्य था। रंगमंच ऐसे ही दुरूह कार्यों के प्रयोग के लिए जाना जाता है। गद्य नाटक की तुलना में इस काव्यात्मक नाटक को कलाकारों द्वारा तैयार कराना विशेष रूप से संवाद संभाषण एक चुनौती थी। नाटक मात्र ऐतिहासिक – मिथकीय नाटक ही नहीं बल्कि आधुनिक समाज में आत्म पहचान, संघर्ष और सच्चे मानवीय मूल्य के रूप में प्रस्तुत होता है।
मंच पर कर्ण – मानवेन्द्र त्रिपाठी, कृष्ण – राज मौर्य, परशुराम – अनिल गौड़, कुंती व सूत्रधार – आकांक्षा विक्ट्री, द्रोणाचार्य – प्रमोद कुमार सिंह, कृपाचार्य – अमित पटेल, इन्द्र व दुर्याेधन- नवनीत जयसवाल , शल्य – राधेश्याम, धृतराष्ट्र – महेश तिवारी, विदुर – विजय सिंह, युधिष्ठिर – चन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव, भीम – अखिलेश कसौधन, अर्जुन – आलोक सिंह, नकुल – सौरभ चौधरी, सहदेव – सोमनाथ शर्मा, द्रौपदी – पल्लवी सिंह, वृद्ध याचक – शिवा श्रीवास्तव, सैनिक – सूत्रधार 1- रितिका सिंह, सैनिक – सूत्रधार 2 – परिचारिका – पूर्णिमा आनंद, शिष्य – दिव्या अखिलेश, पंकज कुमार, सौरभ, सोमनाथ शर्मा ने अहम भूमिका निभायी।