273 इलेक्टोरल वोट हासिल कर ट्रंप को हराया
वाशिंगटन। डेमोक्रेट पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बनेंगे। 77 साल के बाइडेन अमेरिका के राष्ट्रपति बनने वाले सबसे बुजुर्ग व्यक्ति हैं। पेन्सिलवेनिया में जीत के साथ ही उन्होंने बहुमत के लिए जरूरी इलेक्टोरल वोट जुटा लिए। प्रमुख अमेरिकी मीडिया संगठनों ने तीन नवंबर के राष्ट्रपति चुनावों में बाइडेन को विजेता घोषित किया। कमला हैरिस पहली महिला, पहली अश्वेत और पहली दक्षिण एशियाई उपराष्ट्रपति निर्वाचित हो गयी हैं।
हालांकि, अभी 5 राज्यों में काउंटिंग जारी है। एरिजोना और नेवादा में बाइडेन के पास 20,000 से ज्यादा वोट की बढ़त है। जॉर्जिया में वे 7 हजार से ज्यादा वोट से आगे हैं। वहीं, नॉर्थ कैरोलिना और अलास्का में ट्रम्प आगे चल रहे हैं। बाइडेन के पास 273 इलेक्टोरल वोट हो चुके हैं। राष्ट्रपति बनने के लिए 270 का आंकड़ा चाहिए। बाइडेन ने ट्वीट किया, ‘अमेरिका, मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि आपने मुझे हमारे महान देश का नेतृत्व करने के लिए चुना है। हमारा आगे का काम मुश्किल होगा, लेकिन मैं आपसे वादा करता हूं कि मैं सभी अमेरिकियों का राष्ट्रपति बनूंगा। चाहे आपने मुझे वोट दिया हो या न दिया हो। इससे पहले, शनिवार को बाइडेन लोगों के सामने आए।
उन्होंने सियासी पारा ठंडा करने की कोशिश की। ट्रम्प का नाम लिए बिना उनसे अपील की कि गुस्सा थूकिए, हम विरोधी हो सकते हैं, लेकिन दुश्मन नहीं। हम सब अमेरिकी हैं। समर्थकों से कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि डेमोक्रेट्स चुनाव जीतने जा रहे हैं। अमेरिकी जनता ने हमें सरकार चलाने का जनादेश दिया है। बाइडेन बोले कि देश चाहता है कि वो फिर एकजुट होकर आगे बढ़े। आप धैर्य रखें। आज हम वही साबित कर रहे हैं जो 244 साल पहले (1776 में) किया था। और वो यह कि लोकतंत्र कामयाब और कारगर है। आपका हर वोट गिना जाएगा। बाइडेन ने समर्थकों से शांति बरतने की अपील भी की।
3 नवंबर को वोटिंग के बाद से नतीजों साफ नहीं हो रहे थे। 4 दिन चली काउंटिंग के बाद बाइडेन के नाम पर मुहर लगी। तस्वीर साफ होने से कुछ देर पहले तक रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प चुनाव में धोखाधड़ी का आरोप दोहराते रहे। उन्होंने कहा कि काउंटिंग रूम्स के अंदर बुरी बातें हुईं हैं। कड़ी टक्कर वाले पेन्सिलवेनिया राज्य में गलत तरीके से हजारों वोट शामिल किए गए। आज दिन से ही जो बाइडेन की टीम ने व्हाइट हाउस के लिये तैयारियां शुरू कर दी थीं।
डेलावर से पूर्व सीनेटर कौफमैन बाइडेन के उप राष्ट्रपति बनने के बाद इस सीट से सीनेटर बने थे। वह 2008 में ओबामा सरकार का गठन करने वाली टीम का भी हिस्सा थे। बाइडेन ने डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उम्मीदवार बनने के कुछ ही समय बाद अप्रैल में पहली बार कौफमैन से ऐसी सूरत में सत्ता के हस्तांतरण पर काम शुरू करने के लिये कहा था। अमेरिका में सत्ता के हस्तांतरण की प्रक्रिया आधिकारिक रूप से तब शुरू होती है जब सामान्य सेवा प्रशासन सभी उपलब्ध तथ्यों के आधार पर विजेता के नाम की घोषणा कर देता है।