जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने का ऐलान किया गया है। इसके साथ ही, लद्दाख को जम्मू कश्मीर से अलग राज्य बनाया गया है। यानि, अब जम्मू कश्मीर विधानसभा वाला केन्द्र शासित प्रदेश होगा जबकि लद्दाख बिना विधानसभा वाला केन्द्र शासित प्रदेश रहेगा।
फैसले के बाद क्या बदलेगा
- जम्मू-कश्मीर अब विशेष राज्य नहीं
- घाटी में लग सकेगा राष्ट्रपति शासन
- जम्मू कश्मीर राज्य में संविधान का अनुच्छेद-370 लागू था। इस कारण राष्ट्रपति के पास राज्य सरकार को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं था। यानी वहां राष्ट्रपति शासन नहीं, बल्कि राज्यपाल शासन लगता था। अब वहां राष्ट्रपति शासन लग सकेगा।
- वित्तीय आपातकाल लागू होगा: भारतीय संविधान की धारा 360 के तहत देश में वित्तीय आपातकाल लगाने का प्रावधान है। वो भी जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता था। अब यहां वित्तीय आपातकाल लागू हो सकेगा।
- 5 साल का विधानसभा का कार्यकाल: जम्मू कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता था, जबकि भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। अनुच्छेद-370 हटने के बाद यहां भी विधानसभा का कार्यकाल 5 साल का होगा।
- अब मिलेगा आरक्षण: संविधान में वर्णित राज्य के नीति निदेशक तत्व भी यहां लागू नहीं होते थे। साथ ही कश्मीर में अल्पसंख्यकों को आरक्षण नहीं मिलता था। गृहमंत्री ने अमित शाह ने कहा कि इस बिल के तहत जम्मू कश्मीर में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा।
- दोहरी नागरिकता खत्म, अलग झंडा नहीं: यहां नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है। इसके अलावा जम्मू कश्मीर में अलग झंडा और अलग संविधान चलता है। जो अब छीन जाएगा।
- आरटीआई,सीएजी जैसे कानून लागू होंगे: संसद में पास कानून जम्मू कश्मीर में तुरंत लागू नहीं होते थे। शिक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार, सीएजी, मनी लांड्रिंग विरोधी कानून, कालाधन विरोधी कानून और भ्रष्टाचार विरोधी कानून कश्मीर में लागू नहीं थे। ये अब लागू हो सकेंगे।
- राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान दंडनीय होगा: अभी तक जम्मू-कश्मीर का अलग झंडा था। अब ऐसा नहीं होगा यानी राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रीय प्रतीकों के अपमान पर सजा होगी।
- बाहरी लोग जम्मू-कश्मीर में जमीन संपत्ति खरीद पाएंगे: अभी तक बाहरी लोगों के जम्मू-कश्मीर में संपत्ति खरीदने पर प्रतिबंध था।