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जय शंकर कैलाश पति…पर दिखा कथक का सुंदर रूप

क्षितिज श्रृंखला के अंतर्गत एसएनए में कथक की प्रस्तुति
लखनऊ। भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद् एवं उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित क्षितिज श्रृंखला के अंतर्गत बुधवार को हुमा साहू द्वारा कथक नृत्य की प्रस्तुति स्थानीय वाल्मीकि रंगशाला, उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी, विपिनखंड, गोमतीनगर में किया जा रहा है।
कार्यक्रम की शुरूआत देवी स्तुति ॐ जयंती मंगला काली नृत्य प्रस्तुति से हुआ। कार्यक्रम की दूसरी प्रस्तुति में शुद्ध पारंपरिक कथक जय शंकर कैलाश पति…,ठुमरी (बिंदादीन महाराज द्वारा रचित) सब बन ठन आई श्याम प्यारी रे…,सरगम हर्षित सिंह, खुशी साहू, संस्कृति सिंह, उन्नति सिंह, खुशी सिंह, निष्ठां साहू एवं सुश्री अमोली कक्कर ने संगत दी। कार्यक्रम में कलाकार हुमा साहू, गायन मञ्जूषा मिश्रा, तबला पर नितीश भारती, सितार पर नवीन मिश्र, पढंत अनुपमा रे का रहा। हुमा साहू 20 वर्षों से बिरजू महाराज कथक संस्थान की सर्वश्रेष्ठ एवं निपुण कलाकारों में से एक हैं। उन्होंने प्रसिद्ध कथक गुरु डॉ. कुमकुम धर से लगभग 10 वर्षों तक प्रशिक्षण प्राप्त किया है। आप भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय से मास्टर आॅफ परफॉर्मिंग आर्ट्स (कथक) में प्रथम श्रेणी नातकोत्तर हैं और वर्तमान में वनस्थली विद्यापीठ से कथक में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त कर रही हैं। हुमा साहू विशेष रूप से कथक की तांडव और लष्या दोनों विधाओं में उत्कृष्ट हैं। उन्होंने इसमें लंबा अनुभव प्राप्त किया है और उनके शानदार पद संचालन में विविधता और दोषहीन संवेदनशीलता है। हुमा साहू ने भारत में कई एकल नृत्य प्रस्तुतियां दी हैं और बैले प्रस्तुत किए हैं और उन्होंने लखनऊ, जयपुर, अयोध्या, आगरा और कई अन्य स्थानों पर आयोजित लगभग सभी प्रतिष्ठित राष्ट्रीय स्तर के सांस्कृतिक प्रदर्शनों और समारोहों में प्रदर्शन किया है।

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