श्रमिकों के लिए दूसरे राज्यों में रोजगार पाना चुनौती

-लखनऊ विवि में तीन दिवसीय वेबिनार सम्पन्न

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय की काउंसलिंग एवं प्लेसमेंट सेल की ओर से आयोजित तीन दिवसीय वेबिनार का सोमवार को समापन हो गया। कोविड-19 संक्रमण में उद्यमिता विकास में अभिनव तकनीक विषय पर 3 से 5 मई तक आयोजित इस वेबिनार में देश और विदेश से लगभग 2500 शिक्षकों, विद्यार्थियों और व्यवसाय जगत से जुड़े लोगों ने सहभागिता की।

वेबिनार के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा मंत्री प्रो. दिनेश शर्मा और अध्यक्षता लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके राय ने की। प्रथम सत्र मे बतौर मुख्य वक्ता लखनऊ विवि के पूर्व प्रतिकुलपति प्रो. एके सेनगुप्ता थे और भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (ईडीआईआई) के डॉ. आशीष भटनागर व चिरपरिचित उद्यमी और परामर्शदाता डॉ. अर्चना मिश्रा ने संबंधित विषय पर ज्ञानपूर्ण वक्तव्य दिया और सहभागियों के विभिन्न प्रश्नों के उत्तर भी दिए। सीपीसी निर्देशिका और डीन महाविद्यालय विकास प्रो. मधुरिमा लाल ने कार्यक्रम का संयोजन और धन्यवाद ज्ञापन किया।

वेबिनार के दूसरे दिन के सत्र में प्रथम वक्ता ओएसडी आईएमएस व प्रमुख अर्थशास्त्री प्रो. एमके अग्रवाल ने कोविड-19 के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभावों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि भारत आशावादी और सुदृढ़ सामाजिक पूंजी वाला देश है और यहां ग्रामीण क्षेत्रों में पहले हुए सूक्ष्म लघु व मध्यम उद्योगो की प्रगति में आशातीत वृद्धि होने की संभावना है। उत्तर प्रदेश व बिहार के श्रमिकों और कामगारों के लिए रिवर्स माइग्रेशन एक चिंता का विषय है क्योंकि महाराष्ट्र गुजरात और दिल्ली जैसे राज्यों में पुन: रोजगार प्राप्त करना कठिन हो सकता है।

इसके बाद दूसरी महत्वपूर्ण प्रस्तुति इकसूला कंपनी के सह संस्थापक व सीईओ समरजीत सिंह ने कोविड संक्रमण का अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों पर पढ़ने वाले अलग-अलग प्रभावों को भारत और विश्व के संदर्भ में बिंदुवार चर्चा की। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पूर्व में हुई महामारियों के बाद चीन, अमेरिका और अन्य देशों ने अपनी अर्थव्यवस्था को निर्माण क्षेत्र में वृद्धि द्वारा मजबूत किया। उसी प्रकार भारत को इस क्षेत्र में आगे बढ़ना होगा। इसे श्रम कानून, कर व्यवस्था, व्यवसायिक नीति, मानव संसाधन नीति में भी परिवर्तन करने होंगे।

तीसरे मुख्य वक्ता बेसी, नई दिल्ली से डॉ. डीडी आर श्रीवास्तव ने इस संक्रमण काल में अर्थव्यवस्था के पुनरुहार में वित्तीय संस्थाओं की भूमिका पर गहन चर्चा की। सत्र का संयोजन मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. मधुरिमा प्रधान और प्रो. गौरी सक्सेना ने किया। वेबिनार के तीसरे दिन सत्र का संयोजन एडिशनल डायरेक्टर सीपीसी डॉ. एके सिंह ने किया। इस सत्र में प्रमुख वक्ता लखनऊ विश्वविद्यालय के रसायन विभाग के प्रो. अनिल मिश्रा ने दिया।

उन्होंने स्ट्रेस के कारण और मानव स्वास्थ्य पर इसके दुष्प्रभावों की चर्चा की। दूसरा प्रमुख वक्ता व्यवसाय प्रशासन विभाग के अध्यक्ष संजय मेधावी थे। उन्होंने वर्तमान संक्रमण काल में अपनाई जाने वाली टीचिंग एंड लर्निंग की नई पद्धतियों को विस्तार से समझाया और प्रतिभागियों के विभिन्न प्रश्नों व शंकाओं का समाधान भी किया।

वेबिनार के समापन सत्र में मुख्य अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके राय थे। उन्होंने सीपीसी की पूरी टीम को और सहभागियों को आशीर्वचन दिया और वेबीनार के सफल संचालन के लिए टीम को बधाई दी। एडिशनल डायरेक्टर सीपीसी डॉ. सुनीता श्रीवास्तव ने तीन दिन की समस्त गतिविधियों की रिपोर्ट प्रस्तुत की और धन्यवाद ज्ञापन प्रो. मधुरिमा लाल ने किया। वेबिनार के आयोजन मंडल में प्रो. एमके अग्रवाल, प्रो. गौरी सक्सेना, प्रो. मधुरिमा प्रधान, प्रो. श्रुति, संजय मेधावी, डॉ. अल्पना बाजपेई, डॉ. वैशाली, डॉ. सुनीता और डॉ. एके सिंह प्रमुख थे।

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