लखनऊ। अपर मुख्य सचिव आईटी एवं इलेक्ट्राॅनिक्स आलोक कुमार ने रविवार को कहा कि समाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) एवं संचार के वर्तमान युग में उत्तर प्रदेश के हर क्षेत्र में आईटी उद्योग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य के सभी मंडलों में आईटी पार्कों या साॅफ्टवेयर टेक्नोलाॅजी पार्कों की स्थापना करने के लक्ष्य के तहत विभिन्न क्षेत्रों में आईटी पार्कों की स्थापना की जा रही है।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि साॅफ्टवेयर टेक्नोलाॅजी पार्क्स ऑफ़ इंडिया (एसटीपीआई) के सहयोग से प्रदेश के सभी मंडलों में आईटी पार्क स्थापित करने की योजना के तहत सहारनपुर में 200 एकड़ में विकसित किये जा रहे पिलखनी औद्योगिक क्षेत्र में 03 एकड़ में आईटी पार्क स्थापित करने का प्रस्ताव है, जिसमें एसटीपीआई के मानकों के अनुसार प्लग-एण्ड-प्ले सुविधाएं विकसित की जायेंगी।
अलोक कुमार ने बताया कि मेरठ एवं आगरा में आईटी पार्कों की स्थापना का कार्य लगभग पूरा हो चुका है और गोरखपुर एवं वाराणसी में मौजूदा साल में सितम्बर तक आईटी पार्क स्थापित होने की सम्भावना है। एसटीपीआई के सहयोग से विकासित किये जा रहे सभी आईटी पार्कों के लिए भूमि की निःशुल्क व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की गयी है और इन आईटी पार्कों के लिए स्थानीय सूचना प्रौद्योगिकी व स्टार्टअप कम्पनियों के चयन की प्रक्रिया भी साथ-साथ कराई जा रही है।
उन्होंने कहा कि वाराणसी में वीडीए के जवाहर लाल नेहरू काॅमर्शियल काॅम्पलेक्स में आईटी पार्क की स्थापना के लिए आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग के पक्ष में इस निर्मित भवन का हस्तान्तरण विलेख प्रक्रियाधीन है, जबकि कानपुर (पनकी) में उपलब्ध भूमि पर एसटीपीआई द्वारा शीघ्र ही निर्माण कार्य शुरू किया जायेगा। बरेली में परियोजना के लिए इंडियन टर्पेन्टाईन एंड रोजिन कंपनी लिमिटेड की ज़मीन लेने की कार्यवाही की जा रही है। वर्तमान में निर्माणाधीन आईटी पार्कों में लगभग 200 करोड़ रुपये के निवेश और 15,000 रोज़गार के अवसरों के सृजन की सम्भावना है।
आलोक कुमार ने कहा कि लखनऊ और प्रयागराज में प्लग-एण्ड-प्ले सुविधा से युक्त एसटीपीआई केंद्र पहले से ही चल रहे हैं और राज्य सरकार की निवेश के अनुकूल नीतियों और ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस में सुधार के फलस्वरूप 2019-20 में लखनऊ के एसटीपीआई केंद्र से 230 करोड़ रुपये उल्लेखनीय निर्यात हुआ है। 20 आईटी व स्टार्टअप कंपनियों के साथ लखनऊ में 5,000 वर्ग फीट क्षेत्र में 50 प्लग-एण्ड-प्ले सीट और 2,000 वर्गफीट में कार्यस्थल की प्राथमिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।
प्रयागराज स्थित एसटीपीआई केंद्र में 50 सीट्स प्लग-एण्ड-प्ले और लगभग 5,000 वर्ग फीट में कार्यस्थल की प्राथमिक सुविधाएं उपलब्ध हैं और 10 आईटी व आईटीईएस कंपनियां काम कर रही कार्यरत हैं। गोरखपुर में गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) की 3.58 एकड़ भूमि पर आईटी पार्क का विकास किया गया है, जिसमें से 3,432 वर्गफीट में प्लग-एण्ड-प्ले सुविधा होगी और 5,568 वर्गफीट को कार्यस्थल की प्राथमिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है। इसमें पांच वर्ष की अवधि में 4,000 लोगों को रोज़गार मिलने की संभावना है और प्रतिवर्ष 5-10 करोड़ रुपये का निर्यात राजस्व अनुमानित है।