नयी दिल्ली. वीडियो साझा करने की सुविधा देने वाला मंच यूट्यूब ने बुधवार को कहा कि प्रौद्योगिकी विकसित होने और कृत्रिम मेधा (एआई) संचालित उपकरणों के आने के साथ मंचों और समाज के लिए गलत सूचनाओं पर अंकुश लगाना महत्वपूर्ण है।
उसने यह भी कहा कि उपयोगकर्ताओं को गुमराह करने और वास्तविक दुनिया को नुकसान पहुंचाने के इरादे से तकनीकी गड़बड़ी कर पेश सामग्री के खिलाफ वह त्वरित कार्रवाई करेगी। भारत में यूट्यूब के निदेशक इशान जॉन चटर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि यूट्यूब के पास बेहतर सामुदायिक दिशानिर्देश है, जो यह निर्धारित करता है कि मंच पर किस प्रकार की सामग्री की अनुमति है।
एआई आने के साथ यूट्यूब पर उपलब्ध सामाग्री से छेड़छाड़ के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा, तकनीक विकसित होने के साथ सामग्री में छेड़छाड़ न केवल यूट्यूब के लिये बल्कि पूरे समाज के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है। उन्होंने कहा, हमारी जो नीति है, वह हिंसा और ग्राफिक सामग्री जैसी विभिन्न चीजों के अलावा गलत सूचना और सामग्री पर अंकुश लगाने के लिये भी है। हमारे मंच पर उपयोगकर्ताओं को गुमराह करने और वास्तविक दुनिया को नुकसान पहुंचाने के लिये तकनीकी रूप से हेरफेर कर लायी गयी सामाग्री की अनुमति नहीं है। ऐसा करने पर हम कार्रवाई करेंगे।
उन्होंने कहा, हम इस प्रकार की चुनौतियों से निपटने के लिये प्रक्रियाओं और प्रौद्योगिकियों को लगातार विकसित कर रहे हैं…। चटर्जी ने कहा कि गलत सूचना पर कार्वाई मंच के लिये महत्वपूर्ण है। हमने इसके लिये महत्वपूर्ण निवेश और प्रगति की है। लेकिन हम जानते हैं कि इस मामले में हमारा काम कभी पूरा नहीं होता, इसलिए हम इस क्षेत्र में लगातार निवेश करते रहेंगे। यूट्यूब का भारत में स्थानीय संस्करण पेश किये जाने के 15 साल पूरे हो गये हैं।
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