राज्य-विशिष्ट समाधान तैयार करना जरूरी : मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिजली के क्षेत्र में सभी राज्यों के लिए एक जैसा ही समाधान की तलाश करने के बजाय प्रत्येक राज्य को अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य-विशिष्ट समाधान तैयार करना चाहिए। मोदी ने बिजली क्षेत्र की परिचालन क्षमता में वृद्धि और वित्तीय निरंतरता या स्थायित्व में बेहतरी सुनिश्चित करते हुए उपभोक्ता संतुष्टि बढ़ाने की आवश्यकता पर विशेष बल दिया।

मोदी ने कहा, विद्युत सेक्टर, विशेष रूप से बिजली वितरण क्षेत्र में जो समस्याएं हैं वे सभी क्षेत्रों और राज्यों में एक जैसी नहीं हैं। मंत्रालय को सभी राज्यों के लिए ठीक एक जैसे ही समाधान की तलाश करने के बजाय प्रत्एक राज्य को अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए राज्य-विशिष्ट समाधानों को प्रस्तुत करना चाहिए। विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालयों के कामकाज की समीक्षा करते हुए बुधवार को मोदी ने बिजली क्षेत्र की समस्याओं की ओर ध्यान दिलाया और खास तौर पर विभिन्न क्षेत्रों एवं राज्यों में बिजली वितरण एवं पारेषण खंड की समस्याओं को रेखांकित किया।

मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री ने बैठक में बिजली क्षेत्र की प्रमुख समस्याओं के निवारण हेतु की गई विभिन्न नीतिगत पहलों पर चर्चा की जिनमें संशोधित शुल्क नीति और बिजली (संशोधन) विधेयक 2020 भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने बिजली क्षेत्र की परिचालन क्षमता में वृद्घि और वित्तीय निरंतरता या स्थायित्व में बेहतरी सुनिश्चित करते हुए उपभोक्ता संतुष्टि बढ़ाने की आवश्यकता पर विशेष बल दिया।

बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने विद्युत मंत्रालय को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि विद्युत वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) समय-समय पर अपने प्रदर्शन मापदंडों को प्रकाशित करें, ताकि लोगों को यह पता चल सके कि उनका प्रदर्शन समकक्ष कंपनियों की तुलना में कैसा है। उन्होंने इस बात पर भी विशेष जोर दिया कि बिजली क्षेत्र में उपयोग में आने वाले उपकरण मेक इन इंडिया के अनुरूप होना चाहिए। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने सोलर वाटर पंपों से लेकर विकेन्द्रीकृत सौर शीत भंडारणों तक की कृषि क्षेत्र की पूरी आपूर्ति श्रृंखला के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने रूफटॉप सोलर के लिए भी अभिनव मॉडल पर विशेष बल दिया और इसके साथ ही यह इच्छा जताई कि प्रत्एक राज्य में कम-से-कम एक शहर (या तो राजधानी शहर या कोई प्रसिद्घ पर्यटन स्थल) ऐसा हो, जो रूफटॉप सौर ऊर्जा के उत्पादन के माध्यम से पूरी तरह से सौर शहर हो। प्रधानमंत्री ने कार्बन मुक्त लद्दाख की योजना में तेजी लाने की इच्छा जताई और इसके साथ ही सौर एवं पवन ऊर्जा का उपयोग करके तटीय इलाकों में पेयजल आपूर्ति पर विशेष बल दिया।

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