नयी दिल्ली। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने बुधवार को यहां अपनी विशेष आम बैठक (एसजीएम) के दौरान 2030 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के लिए देश की बोली को औपचारिक रूप से मंजूरी दे दी। भारत ने 2030 के राष्ट्रमंडल खेलों के लिए अहमदाबाद को मेजÞबान शहर बनाते हुए पहले ही आशय पत्र जमा कर दिया है। भारत को हालांकि 31 अगस्त की समय सीमा से पहले अंतिम बोली के लिए प्रस्ताव जमा करने होंगे। आईओए अध्यक्ष पी टी उषा ने कहा कि अहमदाबाद के साथ-साथ 2010 के मेजबान दिल्ली और भुवनेश्वर पर भी विचार किया जाएगा।
उषा ने आधे घंटे से ज्यादा समय तक चली विशेष आम बैठक (एसजीएम) के बाद कहा, मुझे खुशी है कि सभी एक साथ हैं और यह सर्वसम्मति से लिया गया फैसला है। अब हम अपनी तैयारी को आगे बढ़ा सकते हैं। हम अभी यह नहीं कह सकते कि अहमदाबाद मेजÞबान शहर है या नहीं। हमारे पास भुवनेश्वर और दिल्ली में भी अच्छी सुविधाएं हैं। उन्होंने कहा, कुछ परिस्थितियों के कारण 2026 में ग्लासगो में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में कम खेल शामिल किए गए हैं। अगर हमें 2030 के राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी मिलती है तो उसमें सभी खेल शामिल किए जाएंगे। उनका इशारा 2026 ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों की छोटी सूची की ओर था जिसमें हॉकी, बैडमिंटन, कुश्ती और निशानेबाजी जैसे प्रमुख खेलों को लागत का हवाला देते हुए हटा दिया गया है।
कनाडा के दौड़ से बाहर हो जाने के बाद भारत के लिए 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी पाने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। आईओए के संयुक्त सचिव कल्याण चौबे ने कहा,निशानेबाजी, तीरंदाजी, कुश्ती आदि जैसे खेलों को इसमें शामिल करने की योजना है। हमारे पारंपरिक खेल जैसे कबड्डी और खो-खो भी इसमें शामिल होने चाहिए। राष्ट्रमंडल खेल निदेशक डैरेन हॉल के नेतृत्व में राष्ट्रमंडल खेल के अधिकारियों की एक टीम ने हाल ही में आयोजन स्थलों का निरीक्षण करने तथा गुजरात सरकार के अधिकारियों से चर्चा करने के लिए अहमदाबाद का दौरा किया था। इस महीने के अंत में राष्ट्रमंडल खेलों के एक प्रतिनिधिमंडल के अहमदाबाद पहुंचने की संभावना है।
कार्यकारी परिषद के सदस्य रोहित राजपाल ने कहा,राष्ट्रमंडल खेल 2020 में सभी खेल शामिल होंगे। इसमें वह सभी खेल शामिल होंगे जिनमें हमारी पदक जीतने की संभावना अधिक है। उन्होंने कहा,खेलों के तीन समूह हैं। पहला, राष्ट्रमंडल खेलों के मुख्य खेल, जो हमेशा होते हैं, फिर वे खेल जिन्हें मेजबान देश चुन सकता है और तीसरा, अतिरिक्त खेल। इनमें हमारे पारंपरिक और स्वदेशी खेल भी शामिल होंगे। राष्ट्रमंडल खेलों की आम सभा नवंबर के आखिरी हफ्ते में ग्लासगो में मेजबान देश का फैसला करेगी। भारत इससे पहले 2010 में दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी कर चुका है। एसजीएम से पहले सुबह कार्यकारी परिषद की बैठक हुई।