अक्षय ऊर्जा क्षेत्र को ऋण देने वाली प्रमुख भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी, इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (IREDA) ने हाल ही में वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के लिए अपने वित्तीय नतीजे जारी किए हैं, जिनमें मुनाफे में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। कंपनी का शुद्ध लाभ पिछले वर्ष की समान अवधि के ₹370 करोड़ की तुलना में लगभग 20.3% गिरकर ₹295 करोड़ रह गया है।
हालांकि, इस गिरावट के बावजूद, कंपनी की शुद्ध ब्याज आय (NII) में हल्की वृद्धि देखने को मिली है, जो 2.7% बढ़कर ₹422 करोड़ पर पहुंच गई है, जबकि पिछले साल यह ₹411 करोड़ थी। विश्लेषकों का मानना है कि मुनाफे में यह कमी मुख्य रूप से उच्च कर व्यय के कारण हुई है। इस खबर के बाद, IREDA के शेयर की कीमत में शुरुआती तौर पर लगभग 7.85% की गिरावट दर्ज की गई, लेकिन बाद में इसमें कुछ सुधार देखने को मिला और यह लगभग ₹175 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। वर्तमान में, कंपनी का बाजार पूंजीकरण लगभग ₹47,000 करोड़ है।
इस लाभ गिरावट के बावजूद, ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने IREDA के शेयर पर अपनी ‘खरीदें’ (Buy) की रेटिंग बरकरार रखी है और ₹275 का लक्ष्य मूल्य निर्धारित किया है। फर्म का मानना है कि IREDA अक्षय ऊर्जा वित्तपोषण क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी है और इसे मजबूत विकास क्षमता तथा सरकारी समर्थन का लाभ मिल रहा है।
मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के अनुसार, IREDA का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) वित्त वर्ष 2025, 2026 और 2027 में क्रमशः 33%, 31% और 30% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ने की उम्मीद है। इसी तरह, कंपनी के शुद्ध लाभ में भी इन वित्तीय वर्षों में 22%, 28% और 29% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से वृद्धि का अनुमान है। हालांकि, फर्म ने यह भी स्वीकार किया है कि IREDA का शेयर वर्तमान में अपने ऐतिहासिक औसत की तुलना में महंगा दिख रहा है (वित्त वर्ष 2026 के मूल्य-से-बुक अनुपात का 4.6 गुना), लेकिन इसकी मजबूत वृद्धि संभावनाओं को देखते हुए यह जायज है। निवेशकों को ब्याज दर संवेदनशीलता और परिसंपत्ति गुणवत्ता जैसे जोखिमों पर भी ध्यान देने की सलाह दी गई है।