लखनऊ। खुन खुन जी गर्ल्स पीजी कॉलेज के उर्दू और हिंदी विभाग के तत्वावधान में कहानी लेखन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का संयुक्त आयोजन सोमवार को हुआ। जिसमें उर्दू विभाग की ओर से मुख्य वक्ता मशहूर अफसाना निगार नाविल निगार, शायर जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय दिल्ली के प्रो. गजनफर अली ने कहानी कैसे लिखे शीर्षक पर अपना वक्तव्य रखा।
उन्होंने बताया कि जिस तरह गेहूं जिदगी के लिए जरूरी है उसी तरह गुलाब साहित्य के लिए और जब कहानी के लिए एहसास, कल्पना शक्ति, अंतर करने की शक्ति भाषा की शक्ति जिसके अंदर आ जाती है वह कहानी आसानी से लिख सकता है। उन्होंने भाषा को कहीं खुशबू, कहीं रंग, कहीं रोशनी, कहीं तबला की ध्वनि, कहीं घुंघरू की तरह छनक बन जाने वाली बताया।
इसी क्रम में हिंदी विभाग के तरफ से मुख्य वक्ता क्रिश्चियन पीजी कॉलेज लखनऊ के हिंदी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. सुरेन्द्र विक्रम ने अपनी स्वरचित पुस्तक कविताओं में सुनो कहानी पुस्तक की कुछ कहानी जैसे – कहा कि लोमड़ी ने एक कौवा से बीता एक जमाना भाई, बहुत दिनों से नहीं सुना मीठा गाना, गाने की जब बात सुनी तो कौवा बना स्याना और रखा डाल पर रोटी, लगा सुनाने गाना आदि उदाहरण देकर किस प्रकार प्राचीन कहानियों को आज के दौर से जोड़ते हुए कविता के माध्यम से कहानी लिखा जा सकता है उसे बिन्दुवार इंगित किया।
इस कार्यक्रम का संचालन उर्दू विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ रेशमा परवीन, हिंदी विभाग की सहायक आचार्य डॉ शालिनी शुक्ला ने किया। अंत में कॉलेज की प्राचार्य डॉ अंशु केडिया ने धन्यवाद् ज्ञापित किया। इस अवसर पर डॉ सुनीता, डॉ प्रियंका, डॉ रुचि, डॉ स्नेहलता शिवहरे, डॉ विजेता आदि उपस्थित रहीं। कार्यशाला में शिया पीजी कॉलेज, कालीचरण पीजी कॉलेज, मुमताज पीजी कॉलेज एवं खुन खुन जी महाविद्यालय के 90 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की और अनेकों प्रश्न पूछे एवं कहानी लेखन से संबंधित अनुभव भी साझा किये।