अर्थव्यवस्था को उबारने में उद्योग जगत दे सरकार का साथ : गडकरी

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उद्योग जगत को हर संभव समर्थन का भरोसा देते हुए बृहस्पतिवार को उनसे कहा कि वे कोरोना वायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने में सरकार का साथ दें। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत परियोजनाओं में भागीदार बनना चाहिए।

इसके साथ ही उन्होंने बैंकों, वित्तीय संस्थानों, बुनियादी संरचना, एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रम), कृषि व उद्योग क्षेत्र समेत सभी संबंधित पक्षों को अर्थव्यवस्था में तरलता की जरूरत पूरा करने के लिए एक साथ मिलकर मांग का सृजन करने को भी कहा।

केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने एक संगोष्ठी को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा, अभी हमारी अर्थव्यवस्था बहुत सारी चुनौतियों का सामना कर रही है। सरकार सकारात्मक और सहायक है। इसके साथ ही हम एक सूत्रधार के रूप में उद्योग, व्यापार और व्यवसाय को बढ़ावा देने में कैसे सहायक हो सकते हैं, इस बारे में बहुत सारे निर्णय ले रहे हैं। यह ऐसा समय है, जिसमें हमें सभी संबंधित पक्षों से सहयोग की आवश्यकता है।

उद्योग एवं वाणिज्य संगठन सीआईआई ने अक्षय ऊर्जा विनिर्माण संगोष्ठी का आयोजन नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सहयोग से किया। गडकरी इसी संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ैबैंकों, वित्तीय संस्थानों, एमएसएमई, उद्योगों, कृषि, बुनियादी ढांचे, हर जगह हमें योजना बनाने की आवश्यकता है और एक उचित दृष्टि के साथ हमें तेजी से आगे बढऩे की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में तरलता की कमी है और समय की आवश्यकता है कि पीपीपी परियोजनाओं के माध्यम से मांग पैदा की जाए। मंत्री ने जोर देकर कहा कि उद्योग द्वारा प्रदूषण के स्तर के स्व मूल्यांकन के लिए एक प्रणाली का पता लगाने की आवश्यकता है। क्यांकि इस मामले में यदि वे दोषी पाए जाते हैं तो जुर्माना राशि कई गुना हो सकती है, जिसमें बार-बार उल्लंघन के मामले में जेल की सजा भी शामिल है।

गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी है और एक लाख करोड़ रुपए के दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे समेत 22 हरित राजमार्गों पर काम चल रहा है। एक्सप्रेसवे यात्रा के समय को घटाकर 28 घंटे कर देगा, जिसमें अभी 48 से 50 घंटे तक लगते हैं।

उन्होंने महानगरों से भीड़ कम करने तथा दू-दराज के क्षेत्रों के विकास के लिए राजमार्गों के साथ-साथ औद्योगिक समूहों को स्थापित करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा, हमें एलएनजी की मदद से अपने परिवहन को बदलने की जरूरत है, जो भविष्य का ईंधन है। हम राजमार्गों पर एलएनजी और सीएनजी स्टेशन स्थापित करेंगे। डीजल की तुलना में इन ईंधनों से 60 प्रतिशत की बचत होती है।

गडकरी ने पुरानी डीजल बसों को एलएनजी या सीएनजी-ईंधन वाली बसों में बदलने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने एमएसएमई को देश के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बताते हुए कहा कि आयात को कम करते हुए एमएसएमई को मजबूत बनाने और निर्यात को बढ़ावा देने की जरूरत है।

गडकरी ने कहा कि अभी एमएसएमई सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्घि में 30 प्रतिशत का योगदान करते हैं और निर्यात में इनकी 48 से 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इन्होंने 11 करोड़ से अधिक नौकरियों का सृजन किया है। मंत्री ने उद्योग निकायों को आत्मनिर्भर भारत के लिए आगे आने के लिए कहा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के उत्थान तथा भारत को विश्व शक्ति बनाने के लिए 115 आकांक्षी जिलों में काम करने का आग्रह किया।

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