मुंबई। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के शोध प्रभाग एसबीआई रिसर्च की ताजा रपट में कहा गया कि तीसरी और चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि के बाजवूद चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था सात प्रतिशत संकुचित हो सकती है। इससे पहले एसबीआई शोध ने 2020-21 के दौरान जीडीपी में 7.4 प्रतिशत संकुचन की बात की थी।
अप्रैल-सितंबर के दौरान अर्थव्यवस्था में 15.7 प्रतिशत संकुचन हुआ, लेकिन यदि एसबीआई का विश्लेषण सही साबित हुआ तो दूसरी छमाही में जीडीपी 2.8 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। एसबीआई के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने कहा कि 41 महत्वपूर्ण सूचकांकों में 51 प्रतिशत तेजी दर्शा रहे हैं, जिसके चलते अर्थव्यवस्था के तीसरी तिमाही में 0.3 प्रतिशत की वृद्घि के साथ अर्थव्यस्था आर्थिक तेजी की पटरी पर लौट सकती है।
उन्होंने कहा कि अंतिम आंकड़े सुखद आश्चर्य पैदा करने वाले हो सकते हैं। घोष ने कहा, अब हमें उम्मीद है कि जीडीपी में गिरावट पूरे साल के लिए सात प्रतिशत रहेगी, जो हमारे पिछले पूर्वानुमान 7.4 प्रतिशत की तुलना में कम है। साथ ही चौथी तिमाही में वृद्घि सकारात्मक दिशा में लगभग 2.5 प्रतिशत हो सकती है।
एसबीआई रिसर्च ने अगले वित्त वर्ष 2021-22 में आर्थिक वृद्घि 11 प्रतिशत रहने के अपने अनुमान को बरकार रखा है। आर्थिक समीक्षा में अगले साल की वृद्धि 11 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबि भारतीय रिजर्व बैंक का अनुमान हे कि वृद्घि 10.5 प्रतिशत रहेगी।