लखनऊ। रक्षा मामले में किलेबंदी की दीवार तोड़कर आयात और निर्यात की संभावनाओं को बल देते हुए केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि सेना का कार्यालय पहले किले की तरह बंद था। अगर कोई दिखता था तो सिर्फ जवान दिखते थे पर हमने बंद किले का हर दरवाजा खोल दिया जो आना चाहे वह आए और निवेश करें। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में पिछले वर्ष हुए इन्वेस्टर्स समिट की सफलता और उसके भव्य आयोजन को देखकर यह लग रहा है कि आने वाले 2030 तक भारत विश्व की तीसरी बड़ी इकोनॉमी होगी।
रक्षा मंत्री गुरुवार को वृन्दावन योजना में चल रहे डिफेंस एक्सपो के यूपी पवेलियन में ‘उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर’ विषय पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत का मस्तक वैसे भी ऊंचा है इस बात का अंदाजा उन्हें यूनाइटेड संघ में देखने को मिला, जिस देश के प्रेसीडेंट से मिलने का समय नहीं मिलता था उस देश के प्रेसीडेंट ने बड़ा सम्मान दिया और खुलकर सभी विषयों में वार्ता की। रक्षा मंत्री ने इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खुलकर प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जब भी उनसे मिले उन्होंने यूपी के विकास पर ही चर्चा की। उनके अंदर कुछ कर गुजरने की ललक है। सिंह ने कहा कि यदि कैप्टन मजबूत है, कुछ करना चाहता है तो वह चैलेंज से नहीं घबड़ाता, चैलेंस स्वीकार कर कामयाब होता है। उन्होंने कहा कि वे आश्वस्त है कि यूपी तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने से कोई नहीं रोक सकता।
उन्होंने इस दौरान यूपी के एमएसएमई उद्योगपतियों की भी बात की कहा कि उद्योगपतियों को अगर किसी प्रकार की कोई समस्या होती है तो वे सीधे उनसे मिले। उन्होंने कहा कि वे बेल्थ क्रियेटर्स का सम्मान करते है। इससे पूर्व उन्होंने कहा कि वे दो-तीन दिनों से देख रहे कि मुख्यमंत्री कनेक्टिविटी की चर्चा बराबर कर रहे है वाकई में यूपी में चाहे वह रेल हो या फिर रोड या हवाई, यहां आवागमन का कोई संकट नहीं है। उद्योगों के निवेश में कोई परेशानी नहीं है। सिंगल विंडो सिस्टम से प्रदेश में औद्योगिकीकरण की कोई समस्या आड़े हाथों नहीं आएगी। उन्होंने विदेशों से आए हुए रक्षा प्रतिनिधियों और उद्योगपतियों का आहृवान करते हुए कहा कि वे यूपी आए और यहां निवेश करें।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को परंपरागत क्रेता-विक्रेता से बदलकर सहयोगपूर्ण दिशा में आगे ले जाने के लिए भारत में उपलब्ध रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में लगातार बढ़ते अवसरों के साथ अमेरिकी रक्षा क्षेत्र की निर्यात क्षमता को समकालिक बनाने की मांग की। अमेरिका की अपनी हाल की यात्रा के दौरान संवाद में हस्ताक्षरित अनेक महत्वपूर्ण समझौतों का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि ‘भारत-अमेरिका संबंध परंपरागत ‘क्रेता-विक्रेता’ से सहयोगपूर्ण दृष्टिकोण की दिशा में आगे बढ़ेंगे। मुझे विश्वास है कि यह रिश्ता भविष्य में अधिक गतिशील और जीवंत होगा।’ उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत और दुनिया के लिए सबसे बड़े रक्षा निर्यातकों में से एक है साथ ही भारत में रक्षा विनिर्माण क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में, हमारा सहयोग इस सदी का सबसे बड़ा सहयोग साबित हो सकता है।
उद्योग को यह आश्वासन देते हुए कि जो सुधार कर लिए गए हैं वह जारी रहेंगे, राजनाथ ने व्यापारिक समुदाय से आग्रह किया कि वे उनका अधिकतम लाभ उठाएं और भारत में निवेश करें। उन्होंने यूएसआईबीसी द्वारा दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को बेहतर बनाने में निभाई गई भूमिका की सराहना की। बाद में, रक्षा मंत्री ने उत्तर प्रदेश राज्य के पैवेलियन का दौरा किया।
डेफएक्सपो के आयोजन में राज्य सरकार द्वारा इतने बड़े पैमाने पर दिए गए समर्थन की सराहना करते हुए, उन्होंने उम्मीद जताई कि उत्तर प्रदेश में रक्षा गलियारे की स्थापना से राज्य में निवेश के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री का भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने के लक्ष्य के लिए एक केन्द्रित दृष्टिकोण आवश्यक है और देश का सबसे बड़ा राज्य होने के नाते आर्थिक योगदान के मामले में उत्तर प्रदेश की एक बड़ी भूमिका है।