इंदौर। अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निरोधक) कानून में केंद्र सरकार के संशोधनों के खिलाफ अनारक्षित समुदाय के गुरुवार को बुलाये गये बंद के दौरान यहां प्रमुख मंडियों और बाजारों में आधे दिन तक कारोबार ठप रहा। इससे करोड़ों रुपये के कारोबार पर असर पड़ा।
अहिल्या चैम्बर्स आॅफ कॉमर्स एन्ड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने बताया कि सम्बद्ध कानून में संशोधनों के खिलाफ आधे दिन तक स्थानीय मंडियां और बाजार बंद रखने की अपील को करीब 110 कारोबारी संगठनों ने अपना समर्थन दिया।
सुरक्षा के व्यापक इंतजाम
उन्होंने बताया, ैआधे दिन के बंद के दौरान दौरान शहर में किराना जिंसों, अनाजों, दाल-दलहनों, जेवरात, बर्तनों, लोहा उत्पादों, कपड़ों आदि के प्रमुख कारोबारी केंद्रों में सन्नाटा पसरा रहा। भारक बंद के मद्देनजर गुरुवार को शहर के अधिकांश स्कूल भी नहीं खुले। आम दिनों के मुकाबले सड़कों पर यातायात में भी थोड़ी कमी दिखायी दी। अनारक्षित समुदाय के अलग-अलग संगठनों ने अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निरोधक) कानून में सरकार के संशोधनों के खिलाफ गहरा आक्रोश जताते हुए विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से मांग की कि इन विवादास्पद संशोधनों को जल्द से जल्द वापस लिया जाये। इस बीच, पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) हरिनारायणचारी मिश्रा ने बताया कि बंद को देखते हुए शहर में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये थे। उन्होंने बताया, ैफिलहाल शहर में बंद के दौरान किसी भी अप्रिय घटना की खबर नहीं है।