नई दिल्ली। भारत और दक्षिण कोरिया ने अपने रक्षा तथा सैन्य संबंधों को और बढ़ाने के लिए नए रास्तों की संभावना पर शुक्रवार को विचार किया। साथ ही दोनों देशों ने क्षेत्र में तथा अन्य स्थानों पर स्थाई शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए बहुपक्षीय पहलों को समर्थन दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके दक्षिण कोरियाई समकक्ष सुह वूक की बैठक में क्षेत्र के भू-राजनीतिक घटनाक्रम और द्विपक्षीय रणनीतिक भागीदारी को बढ़ावा देने के तरीकों सहित विभिन्न मुद्दों पर वार्ता हुई।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, उन्होंने क्षेत्र में और उससे बाहर स्थाई शांति तथा स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए बहुपक्षीय पहलों को समर्थन देने की प्रतिबद्धता जताई। समझा जाता है कि क्षेत्र में चीन की सैन्य आक्रामकता के बारे में भी चर्चा हुई। मंत्रालय ने कहा कि दोनों रक्षा मंत्रियों की बातचीत से द्विपक्षीय संबंध आगे बढ़ेंगे और इसे अगले स्तर तक ले जाने के लिए आवश्यक प्रोत्साहन मिलेगा।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि मौजूदा सहयोग के विस्तार के लिए सैन्य साजो-सामान का संयुक्त विकास और प्रौद्योगिकी को साझा करने पर चर्चा हुई। बयान के अनुसार वार्ता में लंबे समय से चली आ रही द्विपक्षीय रक्षा भागीदारी को मजबूत बनाने के लिए द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और तरीकों के नए क्षेत्रों की संभावना तलाशी गई।
सिंह ने एक ट्वीट कर वार्ता को ‘उत्कृष्ट’ बताया। उन्होंने कहा, दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री सुह वूक के साथ आज नई दिल्ली में उत्कृष्ट विचार-विमर्श हुआ। हमने भारत और दक्षिण कोरिया के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत बनाने और आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। दक्षिण कोरिया भारत के लिए हथियारों और सैन्य साजो-सामान का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा है।
दोनों देशों ने 2019 में विभिन्न थल और नौसेना प्रणालियों के संयुक्त उत्पादन में सहयोग के लिए एक खाके को अंतिम रूप दिया था। दक्षिण कोरियाई मंत्री द्विपक्षीय रक्षा और सैन्य सहयोग बढ़ाने पर जोर देने के लिए बृहस्पतिवार को तीन दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे। बैठक में, दोनों मंत्रियों ने रक्षा क्षेत्र में कोविड-19 महामारी के प्रभाव के बारे में भी चर्चा की।
वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया शामिल थे। इससे पहले सिंह और वूक ने दिल्ली छावनी में भारत-कोरियाई मैत्री पार्क का उद्घाटन किया। यह पार्क कोरियाई युद्ध के दौरान भारतीय शांतिरक्षक सेना के योगदान की याद में बनाया गया है।