लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार राजभवन में आयोजित उत्तर प्रदेश पुलिस एवं आर्म्ड फोर्सेज सहायता संस्थान की प्रबंध समिति की 37वीं बैठक की अध्यक्षता की। राज्यपाल ने राजभवन में नवअलंकृत प्रज्ञा कक्ष का उद्घाटन कर प्रबंध समिति की इस कक्ष में पहली बैठक की।
बैठक में राज्यपाल के प्रस्ताव पर सैन्य एवं अर्द्ध सैन्य बल के तथा पुलिस कार्मिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए प्रदान की जाने वाली राशि में बढ़ोत्तरी की गयी है। इसमें स्नातक स्तर के विद्यार्थियों को दी जाने वाली राशि को 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपए, स्नातकोत्तर के लिए राशि 18 हजार से बढ़ाकर 36 हजार रुपए की गयी है। इसी प्रकार प्राविधिक एवं व्यावसायिक शिक्षा के लिए दी जाने वाली धनराशि में डिप्लोमा की राशि 18 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपए, एमबीबीएस की धनराशि 48 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपए तथा बीटेक, एमटेक, एमसीए, एमबीए की राशि 48 हजार से बढ़ाकर 60 हजार रुपए की गयी है।
राज्यपाल के प्रस्ताव पर बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि यदि वीरगति, शहीद की विधवा यदि अध्ययन या व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहे तो उसकी नि:शुल्क व्यवस्था की जाये तथा उसे 20 हजार रुपए की एकमुश्त राशि प्रदान की जाये जिससे वह व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त कर रोजगार कर सके।
बैठक में प्रबंध समिति की 36वीं बैठक में लिये गये निर्णयों के कार्यवृत्त की पुष्टि की गयी। गत बैठक में शहीद होने वाले सैनिकों एवं पुलिस बल के परिवार को मिलने वाली सहायता राशि को 6 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपए, अपंग होने की स्थिति में 3 लाख से बढ़ाकर 6 लाख रुपए एवं शहीदों की पुत्रियों के विवाह के लिये रुपए 1.5 लाख से बढ़ाकर रुपए 2 लाख किये जाने का निर्णय लिया गया था।
बैठक के बाद आयोजित एक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश पुलिस एवं आर्म्ड फोर्सेज सहायता संस्थान की ओर से राज्यपाल ने 43 शहीद पुलिस, सैनिक एवं अर्द्धसैनिक बल के परिजनों को 3-3 लाख रुपए की फिक्सड डिपाजिट की रसीदें प्रदान की। इसमें सैन्य बल से 12ए सीमा सुरक्षा बल से 5ए केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल से 18, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल से 3, उत्तर प्रदेश पुलिस बल से 5 परिवारों को कुल रुपए एक करोड़ उन्तीस लाख की धनराशि की फिक्सड डिपाजिट की रसीदें प्रदान की गयी।
इस अवसर पर शहीदों की पत्नियों को सम्बोधित करते हुये राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस एवं आर्म्ड फोर्सेज सहायता संस्थान की अध्यक्ष होने के नाते यह सुनिश्चित करना मेरा कर्तव्य है कि राज्य सरकार द्वारा घोषित की जाने वाली अनुदान राशि लाभार्थियों को हर हालत में मिले। उन्होंने कहा कि कमाने वाले के चले जाने का दु:ख तो सबको होता है लेकिन जिन्दगी फिर भी चलती रहती है। ऐसे में आप लोगों का यह कर्तव्य है कि अपने बच्चों के भविष्य को देखते हुये इनकी शिक्षा पर विशेष ध्यान दें। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, विधान परिषद सदस्य अरूण पाठक, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव हेमन्त राव, प्रमुख सचिव वित्त भुवनेश कुमार के अलावा प्रबंध समिति के सदस्यगण उपस्थित थे।