लखनऊ। लक्ष्मण उतेकर की ओर से निर्देशित और विक्की कौशल स्टारर फिल्म छावा बॉक्स आॅफिस पर तगड़े नोट छाप रही है। धमाकेदार ओपनिंग वीकेंड के बाद फिल्म को वीकडेज में भी अच्छा रिसपांस मिल रहा है। यह पीरियड ड्रामा जल्द ही बॉक्स आॅफिस पर धीमा पड़ने के मूड में नहीं है। छावा ने राजधानी लखनऊ में भी अपना रंग जमा दिया है। वीकेंड पर लखनऊ में भी टिकट खिड़की पर भीड़ दिखायी दी। गोमती नगर के वेव, फन सिनेमा, पीवीआर, सिनेप्लेक्स सहित तमाम मल्टीप्लेक्स में छावा देखने वाले दर्शकों की संख्या भारी मात्रा में दिखायी दी।
मैडॉक फिल्म्स की ओर से समर्थित, छावा बॉक्स आॅफिस पर एक बड़ी सफलता साबित हुई। फिल्म ने दुनिया भर के बॉक्स आॅफिस पर 200 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है। वैश्विक स्तर पर छावा का पांच दिनों का कुल कलेक्शन लगभग 216 करोड़ रुपये है। अनुमान के मुताबिक, विक्की कौशल अभिनीत इस फिल्म ने भारत में अब तक कुल 145 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई कर ली है।
लक्ष्मण उटेकर की ओर से निर्देशित और दिनेश विजान की मैडॉक फिल्म्स की ओर से निर्मित, छावा एक ऐतिहासिक एक्शन फिल्म है, जिसमें विक्की कौशल ने छत्रपति संभाजी महाराज, रश्मिका मंदाना ने येसुबाई भोंसले, अक्षय खन्ना ने औरंगजेब, डायना पेंटी ने जीनत-उन-निसा बेगम, दिव्या दत्ता ने सोयराबाई, विनीत कुमार सिंह ने कवि कलश और आशुतोष राणा ने हम्बीरराव मोहिते की भूमिका निभाई है। यह फिल्म शिवाजी सावंत के मराठी उपन्यास छावा का रीमेक है और इसे दर्शकों और क्रिटिक्स से पॉजिटिव रिसपांस मिला।
संभाजी महाराज के बारे में क्यों नहीं पढ़ाया…
साल 2025 की पहली ब्लॉकबस्टर बनने की ओर तेजी से बढ़ रही विक्की कौशल स्टारर फिल्म छावा की हर ओर चर्चा है। मराठी उपन्यास छावा पर आधारित यह फिल्म मराठा साम्राज्य के दूसरे शासक छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित है। फिल्म देखने के बाद करोड़ों हिंदुस्तानी पूछ रहे हैं। लखनऊ के वेव सिनेमा से फिल्म देखकर बाहर निकले राजीव पांडे ने कहा, आज छावा देखा। बहादुरी, निस्वार्थता और कर्तव्य की भावना की अविश्वसनीय कहानी, असली सवाल- हमें स्कूल में छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में क्यों नहीं पढ़ाया गया? कहीं भी उल्लेख नहीं। हमे सिर्फ मुगलों का इतिहास ही क्यों पढ़ाया गया। वहीं दूसरी ओर फिल्म देखकर बाहर निकले राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि हमारे समय हमारी किताबों में सिर्फ मुगलों का इतिहास ही क्यों पढ़ाया गया, जबकि इतिहास में छत्रपति संभाजी महाराज जैसे अनेकों वीरों ने देश के लिए बलिदान दिया, फिर भी हमें उनके बारे में कुछ नहीं पता, ऐसा क्यों।