इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिख कर दोनों देशों के बीच रिश्तों के लिए चुनौती बने आतंकवाद और कश्मीर सहित सभी अहम मुद्दों पर द्विपक्षीय बातचीत शुरू करने की इच्छा जताई है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने गुरूवार को यहां इसकी जानकारी दी। पाक प्रधानमंत्री खान ने 14 सितंबर को मोदी को पत्र लिखा है जिसमें इस महिने न्यूयॉर्क में होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बीच एक बैठक कराने का प्रस्ताव दिया है।
क्रिकेटर से नेता बने खान ने लिखा
क्रिकेटर से नेता बने खान ने लिखा है, हमारे दोनों देशों के बीच शांति की साझा इच्छा पर आगे बढ़ते हुए मैं विदेश मंत्री मखदूम शाह महमूद कुरैशी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बीच एक बैठक का प्रस्ताव पेश करता हूं। न्यूयॉर्क में होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर सार्क देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले यह बैठक कराने का प्रस्ताव है। इससे पहले मोदी ने 18 अगस्त को खान को पत्र लिखा था जिसके जवाब में इमरान ने अपने इस पत्र में लिखा कि पाकिस्तान और भारत के बीच निर्विवाद रूप से चुनौतीपूर्ण रिश्ते हैं। मोदी ने अपने पत्र में पाकिस्तान के साथ सार्थक और रचनात्मक सहयोग की भारत की प्रतिबद्घता का जिक्र किया था और आंतक मुक्त दक्षिण एशिया बनाने के लिए मिल कर काम करने की जरूरत पर जोर दिया था।
मुद्दों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करें
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री (इमरान खान) ने प्रधानमंत्री मोदी को सकारात्मक भावना से जवाब दिया है। हमें बातचीत करनी चाहिए और सभी मुद्दों को हल करना चाहिए। हमें भारत से औपचारिक जवाब मिलने का इंतजार है। पत्र में खान ने लिखा, बहरहाल हमारी जनता के प्रति यह हमारा कर्तव्य है खासतौर पर आने वाली पीढ़ी के लिए कि हम जम्मू कश्मीर के मामले सहित सभी मुद्दों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करें। मतभेदों को दूर किया जा सके और ऐसा परिणाम निकले जो दोनों के लिए फायदेमंद हो। इसके अलावा पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ प्रमुख ने प्रधानमंत्री बनने पर मोदी की ओर से मिली बधाई और शुभकामनाओं के लिए उनका शुक्रिया अदा किया।
भारत के साथ औपचारिक बातचीत की पेशकश
उन्होने पत्र में यह भी लिखा है कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने भारत और पाकिस्तान के संबंधों को बदलने में एक सकारात्मक योगदान दिया था। पाकिस्तान में चुनाव जीतने के बाद से यह कम से कम तीसरा मौका है जब खान ने भारत के साथ औपचारिक बातचीत की पेशकश की है । पाकिस्तान में चुनाव जीतने के बाद जुलाई में अपने भाषण में पहली बार बातचीत का प्रस्ताव दिया था। इसके बाद अगस्त में प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद देश के नाम संबोधन में दूसरी बार प्रस्ताव दिया था। जनवरी 2016 से पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों द्वारा भारतीय सैन्य अड्डों पर आतंकी हमलों के चलते दोनो देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं।
हमलों के बाद, भारत ने घोषणा की
हमलों के बाद, भारत ने घोषणा की कि वह पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत नहीं करेगा। भारत ने कहा कि आतंक और बातचीत एक साथ नहीं की जा सकती है । उरी में आतंकवादी हमले पर पाकिस्तान के साथ बढ़े तनाव के बीच भारत नवंबर 2016 में इस्लामाबाद में आयोजित दक्षेस शिखर सम्मेलन से हट गया था । बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान के भी बैठक में भाग लेने से इनकार करने के बाद इसे रद्द कर दिया गया था । उरी में इस आतंकवादी हमले में 18 सैनिक मारे गए थे ।