किरीट भाई के सानिध्य में भक्तिमय माहौल में डूबे श्रद्धालु
अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्थान गोमती नगर में हुआ कथा प्रवचन
लखनऊ। प्रख्यात कथा व्यास किरीट भाई जी महाराज गुरु पूर्णिमा महोत्सव के तहत लखनऊ आए। बुधवार को उन्होंने गोमती नगर स्थित अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान सभागार में कथा प्रवचन किया। कार्यक्रम का आयोजन तुलसी परिवार लखनऊ की ओर से हुआ। जिसमें बड़ी संख्या में तुलसी परिवार से जुड़े श्रद्धालु शामिल हुए। कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चार ठाकुर जी के पूजन से हुआ इसकी भजन से हुआ। व्यासपीठ का विधिविधान से पूजन कर तुलसी परिवार के वरिष्ठ सदस्य अनिल अग्रवाल एवं सुधा अग्रवाल ने कार्यक्रम का आरंभ किया।
किरीट भाई जी ने अपने प्रवचन में वीरवर लक्ष्मण और आदि गंगा गोमती की महिमा का बखान किया। उन्होंने कहा कि परमात्मा का स्वरुप, स्वभाव है। वैसा ही आप का है। स्वरुप भले न मिले, लेकिन स्वभाव तो प्रभु जैसा होना चाहिए। परामात्मा जैसा प्रसन्न और सहृदय रहें। लखनऊ आने का अवसर कई वर्षों बाद मिला। आगे उन्होंने वीरवर लक्ष्मण और गोमती नदी पर स्वरचित दोहे सुनाए। उन्होंने कहा कि लक्ष्मण कोई भूमि नहीं, वे धाम हैं। एक ओर जहां गोमती नदी का प्रवाह है, उसका सहज स्वभाव है। नदी के तीरे श्रम की महत्ता है, जो श्रम करता है भूखा नहीं रहता।
कर्म को धर्म बनाना है, तो कर्म में परमात्मा को मध्य में रखो। कर्म-धर्म बन जाएगा। व्यक्ति को भाग्य के साथ कर्म पर ध्यान देना चाहिए। भाग्य कर्म दोनों मिलते हैं, तब मार्ग प्रशस्त होते हैं। लखनऊ कला-संस्कृति की नगरी है। संगीत मन की खुराक है। इस शहर में कथक परंपरा ने आनंदरूपी संसार दिया है। उन्होंने किष्किंधा कांड का उल्लेख करते हुए कहा कि वीरवर लक्ष्मण ने अपने अंतर्मन को देखा। सं मयार्दा का पाउल्लेख किया। लक्ष्मण जी जैसा मर्यादित जीवन को प्रेरणादायी बताया।
कथा व्यास किरीट भाई जी ने श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी, प्रभु आपकी कृपा से सब काम हो रहा हैङ्घ और पंच चावड़ छंद-दोहों का गायन और व्याख्या की। मंच पर भजन मंडली में तबला पर राहुल शुक्ल, हारमोनियम व गायन में डॉ विवेकानंद पांडेय ने सुमधुर भजनों की गंगा बहाई। कार्यक्रम में वीरेंद्र सिंघल, अंजना सिंघल, आशीष रस्तोगी, नीलांशा रस्तोगी, पूनम अग्रवाल व समायरा समेत तुलसी परिवार लखनऊ के अनेक साधन शामिल रहे।