चाहूंगा मैं तुझे सांझ सवेरे…सुन श्रोता हुए मंत्रमुग्ध

बौद्ध संस्थान में गीत संगीत की एक सुरमई शाम का आयोजन
लखनऊ। रविवार को संस्था स्वर-सप्तक द्वारा संगीत के साथी भीम पर आधारित गीत संगीत की एक सुरमई शाम का आयोजन स्थानीय गोमती नगर स्थित बुद्धा रिसर्च इंस्टीट्यूट के आॅडिटोरियम में किया गया। संस्था के संस्थापक, देवेश चतुर्वेदी को परिकल्पना एवं निर्देशन में आयोजित किए जाने वाले इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूपमें सुरेश कुमार सपरा, प्रिंसिपल एग्जीक्यूटिव डॉयरेक्टर, आरडीएसओ, लखनऊ एवं राजेश श्रीवास्तव, चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर आरवीएनएल, विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित थे। संगीत प्रेमियों से खचाखच भरे इस कार्यक्रम का प्रारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से किया गया। इसके बाद बॉलीवुड के तमाम पुराने और नए दौर के गानों को गायकों द्वारा बखूबी पेश किया गया। एक से बढ़कर एक पादगार गानों की शुरूआत निधि निगम ने बोले रे पपीहरा गाने से की जबकि संजय श्रीवास्तव ने गीत चाहूंगा मैं तुझे सांझ सवेरे गाया। एकल गीतों की इस कड़ी में आगे देवेश चतुवेर्दी ने तुम भी चलो हम भी चले की सुंदर प्रस्तुति दी जबकि श्वेता दीक्षित ने सुन साहिबा सुन, नीरज शर्मा ने जो तुमको हो पसंद वही बात करेंगे और देवेंद्र मैंगी ने ओ दिलवर जानियाँ और जैसे दिलकश नगमों को गाकर दर्शकों की तालियां बटोरीं। इसके बाद युगल गीतों के अगले दौर में सभी गायकों ने एकबार फिर अपनी सुरीली और सधी आवाज के जरिए समां में चार चांद लगा दिए जिसकी वहां उपस्थित सभी संगीत प्रेमियों द्वारा भूरि भूरि प्रशंसा की गई। कार्यक्रम में संगीत पक्ष की अंतिम कड़ी के रुपमें गाना सुनो गौर से दुनियां वालो बुरी नजर ना हमपे डालो को सभी गायकों और दर्शकों दोनों के द्वारा सामूहिक रूपसे गाया गया जिससे चलते कार्यक्रम का पूरा वातावरण देशप्रेम की भावना से ओतप्रोत हो गया। कार्यक्रम के अगले चरण में मुख्य अतिथि ने इस आयोजन की सफल प्रस्तुति हेतु संस्था को बधाई देते हुए अपने आशीष वचन कहे एवं सभी कलाकारों का उत्साहवर्धन करते उनको स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनकी सराहना की। तदोपरांत संस्था द्वारा मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। कार्यक्रम के अंत में देवेश चतुवेर्दी ने सभी के प्रति संस्था की ओर से आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में इंस्ट्रूमेंट पर पंचम बैंड के कलाकारों ने अपनी सुंदर प्रस्तुति की झलक दिखायी। इस कार्यक्रम का संचालन संजय शुक्ला ने किया और बड़ी कुशलता से दर्शकों को बांधे रखा।

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