नई दिल्ली। दिल्ली चुनाव आयोग की ओर से भेजे गए एक नोटिस के जवाब में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को कहा कि उन्हें यह स्वीकार करने में कोई हिचक नहीं है कि वह लोगों को मंदिर-मस्जिद (धर्म की राजनीति) के बजाय शिक्षा एवं स्वास्थ्य के लिए वोट करने के लिए समझाने का प्रयास कर रहे हैं। भाजपा ने आम आदमी पार्टी (आप) पर सरकार की उपलब्धियां बता कर वोट मांगने के लिए जनता की धनराशि का इस्तेमाल कर पत्र जारी करने का आरोप लगाया है।
भाजपा की शिकायत के बाद दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी
भाजपा की शिकायत के बाद दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी ने सिसोदिया को एक नोटिस भेजा जारी किया था। अपने जवाब में सिसोदिया ने कहा, हालांकि, जहां तक भारतीय जनता पार्टी नेता की शिकायत का सवाल है तो मैं कहना चाहूंगा कि यह कुछ नहीं बल्कि उनकी हताशा की अभिव्यक्ति है। मैंने निजी हैसियत से लोगों को यह पत्र लिखा है। पत्रों को भेजने के लिए किसी सार्वजनिक धन का इस्तेमाल नहीं किया गया है। मंत्री ने भाजपा से तुच्छ राजनीति नहीं करने और अगर उन्होंने कोई काम किया है तो उस आधार पर वोट मांगने का प्रयास करने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को भी शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, बिजली, नौकरी जैसे अन्य मुद्दों पर राजनीतिक दलों को वोट मांगने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और घृणा के नाम पर वोट मांग रहे पार्टियों को हतोत्साहित करना चाहिए।