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मनुष्य का शरीर किराए का मकान : उमाकांत महाराज

दो दिवसीय सत्संग व नामदान कार्यक्रम
लखनऊ। मनुष्य का शरीर किराये के मकान के समान है। सांसों की पूंजी खत्म होने पर सबको एक दिन खाली करना पड़ेगा। यह देव दुर्लभ अनमोल इंसानी शरीर केवल खाने-पीने व मौज-मस्ती करने के लिए नहीं मिला है। इसका असली उद्देश्य जीते जी प्रभु को पाना है। ये बातें बुधवार को उमकान्त महाराज ने गोसाईगंज के रहमतनगर में दो दिवसीय सत्संग व नामदान कार्यक्रम में भक्तों से कहीं। महाराज ने कहा कि श्मशान घाट पर शरीर को मुक्ति मिलती है। मौत को हमेशा याद रखो। एक दिन सबको जाना है। मरने के बाद जो काम आये, वह दौलत प्राप्त करनी चाहिए। उमाकांत महाराज ने भक्तों से कहा कि जीवन का जो समय बचा है। उससे अपनी आत्मा को जगा लो। आत्मा को मुक्ति परमात्मा के पास पहुंचने पर मिलती है। जो केवल समर्थ गुरु ही दिला सकते हैं। उन्होंने कहा कि जीव हत्या करने से भगवान भी कभी खुश नहीं होते हैं। शाकाहारी नशा मुक्त बनने पर ही पूजा पाठ का लाभ मिलेता है। देश भक्ति महान भक्ति है। देश भक्त बनो। इस मौके पर मोहनालालगंज के पूर्व सांसद व पूर्व केन्द्रीय मंत्री कौशल किशोर, पूर्व सांसद दद्दन मिश्रा, नागेश्वर द्विवेदी , निखिल मिश्रा ,लल्लू वर्मा समेत भारी संख्या में भक्त मौजूद रहे।

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