नई दिल्ली। संसद के मॉनसून सत्र में लंबे समय से जारी गतिरोध के खत्म होने के संकेत मिले हैं। शुक्रवार को सरकार ने भारत के चर्चित ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर आगामी सोमवार से विशेष बहस कराने पर सहमति जताई है। यह निर्णय लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद सामने आया, जिसमें सभी प्रमुख दलों के नेता मौजूद थे।
बैठक में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित अन्य प्रमुख नेता शामिल हुए। बैठक में संसद की कार्यवाही सुचारु रूप से चलाने को लेकर आम सहमति बनाने की कोशिश की गई।
विपक्ष की ओर से यह मांग उठाई गई कि ऑपरेशन सिंदूर पर बहस केवल नियम 193 के तहत न हो, क्योंकि उस स्थिति में यह सरकार द्वारा प्रस्तावित चर्चा मानी जाएगी और इसका स्वरूप उत्सवधर्मी हो जाएगा। विपक्ष की मांग थी कि बहस स्वतंत्र और गंभीर होनी चाहिए, जिसमें सभी पक्षों की बात को समान महत्व मिले।
बिहार की मतदाता सूची और न्यायपालिका से जुड़े मुद्दों पर भी उठे सवाल
सर्वदलीय बैठक के दौरान विपक्ष की ओर से बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर भी चिंता जताई गई। राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर संसद में विस्तृत चर्चा की मांग की और सवाल उठाया कि आखिर बिहार जैसे महत्वपूर्ण राज्य में मतदाता सूची में संशोधन की प्रक्रिया के दौरान पारदर्शिता क्यों नहीं बरती जा रही है।
इसके अलावा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के खिलाफ लगाए गए आरोपों और संभावित महाभियोग प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई। विपक्षी नेताओं ने इन संवेदनशील मुद्दों पर जल्द चर्चा की मांग की, ताकि लोकतंत्र की संस्थाओं में जनता का विश्वास बना रहे।
संसद परिसर में विपक्ष का विरोध प्रदर्शन जारी
इससे पहले शुक्रवार सुबह विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन के सांसदों ने संसद परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन बिहार में मतदाता सूची की प्रक्रिया के खिलाफ था, जो शुक्रवार को लगातार पाँचवें दिन भी जारी रहा। प्रदर्शनकारी सांसदों ने संसद भवन के मकर द्वार पर एकत्र होकर लोकतंत्र पर कथित हमले के खिलाफ नारेबाजी की।
प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और कई वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया। सांसदों ने गांधी प्रतिमा से एक मार्च भी निकाला और “श्रीमान – लोकतंत्र पर हमला” लिखा हुआ बड़ा बैनर और कई पोस्टर लेकर अपनी मांगों को प्रमुखता से सामने रखा।