संजय धीमान
लखनऊ। यूपी के होमगार्ड, स्वयंसेवक, प्रादेशिक विकास दल के जवान व ग्राम चौकीदारों सहित अन्य ग्राम स्तरीय मानदेय कर्मियों को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की सूची या डाटा समूह में सम्मिलित नहीं किया गया है। हालांकि यह वर्ग भी आर्थिक तंगी के चलते अपनी बीमारियों का इलाज कराने में सक्षम नहीं है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा संचालित किए जा रहे आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में पेंटर, वेल्डर, कंस्ट्रक्शन साईट पर काम करने वाले मजदूर, राजमिस्त्री, प्लंबर, कुली, सिक्योरिटी गार्ड, भार ढोने वाले मजदूर, और अन्य कामकाजी व्यक्ति के इलावा भिखारी, घरेलू काम करने वाले, कूड़ा बीनने वाले, रेहड़ी-पटरी दुकानदारों को शामिल किया गया है। इसके अलावा सड़क पर काम करने वाले, मोची, फेरी वाले, और अन्य कामकाजी व्यक्तियों के साथ हेंडीक्राफ्ट का काम करने वाले, टेलर, स्वीपर, सफाई कर्मी, घरेलू काम करने वाले, ड्राइवर, दुकान पर काम करने वाले, रिक्शा चालक, आदि पीएम जन आरोग्य योजना का लाभ ले सकते है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले वर्ष एक कार्यक्रम में होमगार्डों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिए जाने की घोषणा की थी और प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश भी दिए थे, परन्तु अभी तक इस पर अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। आयुष्मान भारत योजना की शुरूआत 14 अप्रैल 2018 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भीमराव अम्बेडकर के जन्मदिवस के दिन छत्तीसगढ़ राज्य के बीजापुर जिले से शुरू की थी और इसके बाद पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिवस के दिन 25 सितम्बर 2018 को पूरे भारत देश में लागू कर दी गयी थी। सरकार की मंशा है कि गरीब वर्ग के जो परिवार आर्थिक तंगी के चलते अपने बीमारी का इलाज नहीं करवा पाते है वे आयुष्मान भारत योजना से अपना इलाज करवा सकें। इस योजना में लाभार्थी को सलाना पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाता है जो उसके परिवार के किसी भी सदस्य की बीमारी के खर्च को कवर करता है।
अभी हाल ही में यूपी विधानसभा में सदन के दौरान मुरादाबाद के विधायक मो. फहीम इरफान ने सवाल उठाया था कि प्रदेश में संचालित आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य बीमा का लाभ होमगार्ड, स्वयंसेवकों, प्रादेशिक विकास दल के जवानों एवं ग्राम चौकीदारों सहित अन्य ग्राम स्तरीय मानदेय कर्मियों को दिलाने की योजना सरकार बनाएगी? या नहीं। प्रधानमंत्री जन अयोग्य योजना के अन्तर्गत लगभग 10 करोड़ परिवारों को लाभ देने की योजना बनायी गयी है।
योजना में दवाई की लागत, चिकित्सा आदि का खर्चा सरकार द्वारा प्रदान किया जायेंगा। इसमें लगभग 1350 बीमारियों को शामिल किया गया है। इस योजना का वित्त पोषण 60: 40 के अनुपात में क्रमश: केंन्द्र व राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है। यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वीकार किया कि होमगार्ड, स्वयंसेवकों, प्रादेशिक विकास दल के जवानों एवं ग्राम चौकीदारों सहित अन्य ग्राम स्तरीय मानदेय कर्मियों के वर्तमान में इस डाटा समूह में
सम्मिलित नहीं हैं।
पाठक ने बताया कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना (एसईसीसी-2011) के आधार पर चयनित श्रेणियों के कुल 1.16 करोड़ लक्षित लाभार्थी परिवार के सदस्यों को प्रति वर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक की नि:शुल्क चिकित्सा उपचार की सुविधा सूचीबद्ध निजी एवं राजकीय चिकित्सालयों के माध्यम से उपलब्ध कराये जाने का प्राविधान है। वर्ष 2018 में योजना के प्रारम्भ के पश्चात पुन: सर्वे कराते हुये मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान प्रारम्भ किया गया, जिसमें पुन: 8.43 लाख परिवारों को शामिल किया गया।
तत्पश्चात विभिन्न अन्य श्रेणियों जैसे अन्त्योदय कार्ड धारक, यूपी भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत श्रमिकों के परिवारों को शामिल किया गया। इसका वित्त पोषण 100 प्रतिशत प्रदेश सरकार के यूपी भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा किया जाता है। उन्होंने बताया कि शासकीय सहमति से समय-समय पर विभिन्न श्रेणियों को योजनान्तर्गत सम्मिलित किया गया व इसके अनुसार ही बजट का आवंटन किया गया है।
पाठक ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध अस्पतालों में मरीजों का बेहतर इलाज किया जाता है। प्रदेश के सभी जिलों में यह योजना लागू है। प्राइवेट अस्पतालों को इलाज पर आने वाले खर्च का 90 प्रतिशत से अधिक का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर भी अब गर्व से प्राइवेट अस्पताल में इलाज हासिल कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच को यूपी में पूरी तरह से साकार किया जा रहा है।