उप्र में 24 घंटे में कोरोना के सबसे अधिक 809 मामले अब तक 507 की मौत

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 19 और मौतों के साथ शुक्रवार को कोविड19 संक्रमण से मरने वालों की संख्या 500 से अधिक हो गई है। प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान किसी एक दिन में संक्रमण के सबसे अधिक 809 मामले सामने आने के साथ ही कुल मामले बढ़कर 16,594 हो गए।

अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में संक्रमण का इलाज कराने वाले लोगों की संख्या 6092 है जबकि 9995 लोगों को पूर्णतया स्वस्थ होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि कोविड19 संक्रमण के कारण बीते 24 घंटे में 19 और मौतों के साथ ही इस संक्रमण के मृतकों का आंकडा 507 हो गया है। पृथक-वास में 6095 लोगों का विभिन्न चिकित्सालयों में अपना इलाज चल रहा है, जबकि पृथक-वास में रह रहे 7378 लोगों के नमूने एकत्र कर उनकी जांच की जा रही है।

प्रसाद ने बताया कि गुरुवार को प्रदेश में सैम्पलिंग की संख्या एक बार फिर से बढी और यह 17 हजार के आंकडे के पार हो गई। गुरुवार को कुल 17, 221 सैम्पल की जांच की गई। अब तक कुल 5, 32, 505 सैम्पल की जांच की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि पूल सैम्पल के माध्यम से गुरुवार को ही पांच-पांच सैम्पल के 1229 पूल लगाए गए, जिनमें से 167 पाजिटिव निकले जबकि दस दस सैम्पल के 110 पूल लगाए गए, जिनमें से 24 पाजिटिव पाए गए।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि आरोग्य सेतु ऐप का लगातार इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके माध्यम से जिन लोगों को एलर्ट आए, ऐसे 86, 889 लोगों को स्वास्थ्य विभाग के नियंत्रण कक्ष से फोन कर उन्हें सावधान किया गया कि वे किसी ना किसी संक्रमित व्यक्ति के नजदीक आए हैं। कुल 3420 लोगों ने बताया कि वे पृथक-वास में हैं जबकि 167 ने बताया कि वे संक्रमित हैं और उनका इलाज चल रहा है। कुल 110 लोगों ने बताया कि वे इलाज के बाद पूरी तरह ठीक हो चुके हैं।

उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं ने अब तक 17, 54, 920 प्रवासी श्रमिकों और कामगारों के गांव-गांव, घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया। आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि 1522 ऐसे लोग पाए गए, जिनमें कोरोना संक्रमण को लेकर कोई ना कोई लक्षण मिले। कुल 1144 प्रवासी कामगारों की जांच कराई गई, जिनमें से 185 प्रवासी श्रमिक संक्रमित पाए गए। यह आंकडा 16 प्रतिशत है, जिनकी रिपोर्ट आशा कार्यकर्ताओं ने की। प्रसाद ने बताया कि 6354 हॉटस्पॉट क्षेत्रों सहित कुल 19, 189 क्षेत्रों में सर्विलांस का कार्य चल रहा है। कुल 97, 33, 508 घरों में 4, 96, 85, 930 लोगों का सर्वेक्षण किया गया है।

उन्होंने बताया कि गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर दोतीन महत्वपूर्ण शासनादेश जारी किए गए। पहले जब किसी व्यक्ति की अस्पताल में मौत होती थी और अगर कोरोना संक्रमण के लिए उसका सैम्पल लिया गया है तो जब तक सैम्पल की जांच नहीं हो जाती थी, तब तक शव परिजनों को नहीं दिया जाता था। शव अस्पताल में ही रहता था और परिजनों को इंतजार करना पडता था लेकिन अब शासनादेश जारी किया गया है कि टेस्ट के रिजल्ट का इंतजार नहीं किया जाएगा।

अगर किसी की मौत हुई है तो उसका शव तत्काल परिजनों को सौंप दिया जाएगा। परिजन पूरी सावधानी बरतेंगे, जो संक्रमित व्यक्ति के शरीर के लिए बरती जाती है। ये मानते हुए कि उसमें संक्रमण हो सकता है। प्रसाद ने एक अन्य शासनादेश के बारे में बताया कि निजी लैब अभी तक कोरोना संक्रमण की जांच का 4500 रूपये जांच शुल्क ले रही थीं। अब उसका मूल्य नियंत्रित कर दिया गया है।

अगर कोई सैम्पल जाकर प्रयोगशाला में देता है तो उससे केवल 2000 रूपये लिया जाएगा। अगर प्रयोगशाला किसी को भेजकर घर से सैम्पल लेती है तो अधिकतम 2500 रूपया लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि एक और आदेश किया गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (पीएचसी) पर अब ओपीडी की सुविधा प्रारंभ कर दी गई है। वहां पर ये निर्णय लिया गया है कि कोविड हेल्थ डेस्क की स्थापना की जाएगी जो एक कमरे में होगा। जिसे भी कोरोना के लक्षण होंगे, उसे तत्काल हेल्थ डेस्क पर ले जाया जाएगा। उसकी थर्मल स्क्रीनिंग होगी और पल्स आक्सीमीटर से जांच होगी।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि हमने कुछ जगहों पर रैण्डम (क्रमरहित) सैम्पलिंग की थी। हाल ही में हमने सभी जिलों में अर्बन स्लम (शहरी झुग्गी बस्तियों) में कुछ स्लम की रैण्डम सैम्पलिंग की। बडे जिलों में दस-दस स्लम, मध्यम क्षेत्र के जिलों में पांच-पांच तथा छोटे जिलों में दो-दो अर्बन स्लम में सैम्पल लिए गए। उन्होंने बताया कि अर्बन स्लम में घनी आबादी होती है। वहां संक्रमण की आशंका बहुत ज्यादा रहती है। उक्त सैम्पलिंग का नतीजा ये आया कि 75 में से 58 जिलों के अर्बन स्लम में कोई संक्रमण नहीं पाया गया। केवल 17 जिलों में अर्बन स्लम में संक्रमण दिखाई पडा है।

प्रसाद ने बताया कि कुल मिलाकर जो सैम्पल टेस्ट किए गए, उनमें से 3475 सैम्पल के परिणाम आए हैं। कुल 65 सैम्पल पाजिटिव आए हैं यानी 1.87 प्रतिशत अर्बन स्लम में पाजिटिव मामले आए हैं। इससे हम आश्वस्त होते हैं कि 58 जिलों के अर्बन स्लम में संक्रमण नहीं है। जो 17 जिले हैं, उन्हें बताया है और सतर्क किया है कि आपके इन स्लम में संक्रमण है इसलिए वहां तत्काल कांटेक्ट ट्रेसिंग करें और संक्रमण को नियंत्रित करें। उन्होंने बताया कि इस तरह रैण्डम सैम्पलिंग कर अलग अलग क्षेत्रों का जायजा ले रहे हैं। घनी आबादी में भी कोरोना संक्रमण के मामले कम हैं। हम जागरूकता भी फैला रहे हैं।

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