अजल फाउंडेशन के तत्वाधान में कवि सम्मेलन हुआ
लखनऊ। स्मृति उपवन में आयोजित माँ गायत्री जन सेवा संस्थान एवं नीशू वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा हिंदुस्तान हस्तशिल्प महोत्सव की पंद्रहवीं सांस्कृतिक संध्या पर कवियों ने जोरदार तरीके से प्रस्तुति दी। सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ आयोजक अरुण प्रताप सिंह एवम गुंजन वर्मा ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर विनय दुबे, रनवीर सिंह, हेमू चौरसिया सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहें। महोत्सव की सांस्कृतिक संध्या पर अजल फाउंडेशन के संस्थापक सुनील कुमार मल्होत्रा एवं सह संस्थापक गौरव कुमार श्रीवास्तव ने कविता पाठ पढ़ा गया। सर्वप्रथम सुनील कुमार मल्होत्रा ने “गुजरी बातों को छोड़ा न जाए। पुराने जख्मों को कुरेदा न जाए”। वहीं गौरव गौरवान्वित द्वारा रचित पाठ प्रस्तुत किए जानें पर दर्शकों में जोश पूरे उत्साह से दिखा। कवियों एवं कवित्रियों में निर्भय निश्चल, सिराज खान, शशि नारायण त्रिपाठी, दीपक शर्मा सार्थक, कीर्ति शर्मा वाणी, अविरल शुक्ला, स्वप्निल शर्मा, कृपा संगम एवम विमलेश चौधरी मैं अपनी अपनी काव्य रचनाओं से दर्शकों को वाह वाह करने पर मजबूर किया और तालियां बजाकर कवियों/कवित्रियों का स्वागत किया। अविरल शुक्ला द्वारा कई घायल परिंदे भी गगन के पार उड़ जाते। निकम्मे लोग होते जो परों की बात करते हैं। कविता पढ़कर दशकों में जोश भर दिया है। कवि सम्मेलन का कुशल संचालन निर्भय निश्चल ने किया। कार्यक्रम के अगले सोपान में विद्या नृत्यम फाउंडेशन से आद्या बिष्ट पहाड़ी नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोहा वही अनीता मिश्रा हरे कृष्णा भजन गाकर पूरे पंडाल को कृष्ण के रस में डूबा।महोत्सव में आकर्षण का केंद्र बने झूले और राजस्थानी प्याज कचोरी, मूंगदाल कचोरी, मावा कचोरी स्वाद का लुत्फ लोग ले रहे है। वहीं फन जोन में झूलों की आकर्षक रेंज में नाव झूला, ज्वाइंट व्हील, ब्रेक डांस, भूत गुफा, टोरा- टोरा, ट्वाय ट्रेन, रेंजर, ट्वाय कार, ट्वाय जीप, ट्वाय हेलीकॉप्टर, ग्राइंड बेल व कोस्टर झूला शामिल है। इस दौरान महोत्सव समिति के मोनालिसा, भारती सिंह व मनोज सिंह चौहान उपस्थित रहे। महोत्सव के रंगमंच का संचालन प्रदीप शुक्ला एवम मनीष पंडित ने किया।