भूजल गुणवत्ता का कराया जायेगा परीक्षण : मुख्यमंत्री योगी

  • जल संरक्षण में आमजन की सहभागिता जरूरी

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश में चरणबद्ध रूप से रिवर बेसिन को चिह्नित करते हुए भूजल गुणवत्ता का परीक्षण कराया जायेगा। इसके बाद प्रदेश के सभी रिवर बेसिन की गुणवत्ता का समग्र आकलन किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन सालों में मौजूदा सरकार के प्रयासों से भूजल के प्रति गम्भीरता से काम किया गया है।

इसी का नतीजा है कि तालाबों का निर्माण व जीर्णाेद्धार, चेकडैम का निर्माण, सिंचाई में कम जल की खपत वाली विधियों जैसे ड्रिप व स्प्रिंक्लर प्रणाली को प्रोत्साहित किया जा सका। इसके सार्थक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। योगी ने लोगों से अपील की है कि वे अपने भवन में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग का प्रबंध करें, जिससे पूरे प्रदेश में भूजल समस्या का दीर्घकालीन समाधान हो सके।

योगी ने ‘भूजल सप्ताह’ के समापन कार्यक्रम को किया सम्बोधित

मुख्यमंत्री बुधवार को अपने सरकारी आवास पर ‘भूजल सप्ताह’ के समापन कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। योगी ने कहा कि प्रदेश में भूजल की उपलब्धता लगातार कम हो रही है। साथ ही, जल संसाधन पर दबाव चिंताजनक स्थिति में बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भूजल के संरक्षण के लिए आमजन की सहभागिता बहुत ज्यादा जरूरी है। यह भी जरूरी है कि जनसामान्य को भूजल के महत्व के प्रति जागरूक किया जाये। इसी मकसद से पूरे प्रदेश में 16 जुलाई से 22 जुलाई तक ‘भूजल सप्ताह’ का आयोजन किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन-चार दशकों के दौरान जरुरत से ज्यादा मात्रा में भूजल दोहन के कारण प्रदेश के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में व्यापक विषमता देखने को मिली है। प्रदेश के 823 विकास खण्डों में से 287 विकास खण्डों में भूजल में 20 सेंटीमीटर तक की गिरावट हर साल देखने को मिली है।

जल प्रकृति की अमूल्य सम्पदा : योगी

योगी ने कहा कि जल प्रकृति की अमूल्य सम्पदा है। उन्होंने कहा कि हमारे पास पर्याप्त मात्रा में भूजल भी है और सर्फेस वॉटर की भी कमी नहीं है। लेकिन अगर प्रकृति द्वारा दिये गये इस अमूल्य उपहार का हम उपयोग कर रहे हैं, तो हमें इसके संरक्षण की भी चिंता करनी होगी। जब हम दुनिया के परिप्रेक्ष्य में भूजल की बात करते हैं तो, उत्तर प्रदेश इस नजर से बहुत ज्यादा समृद्धशाली राज्य है।

उन्होंने कहा कि जल शक्ति विभाग ने ह्यभूजल सप्ताहह्ण का आयोजन करके जल संरक्षण के प्रति जागरूकता का जो व्यापक और अभिनव कार्य किया है, वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भूजल प्रबन्धन एवं संरक्षण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इसलिए भूजल संसाधनों की सुरक्षा, संरक्षण एवं नियमन हेतु उत्तर प्रदेश ग्राउण्ड वॉटर मैनेजमेंट एण्ड रेगुलेशन अधिनियम-2019 सरकार ने लागू की गयी है। सभी सरकारी भवनों पर रूफटॉप रेनवॉटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य किया गया है।

उन्होंने कहा कि नगर निकायों में यह अनिवार्य किया गया है कि 300 वर्गफीट के ऊपर के आवासों को अनिवार्य रूप से रेन वॉटर हार्वेस्टिंग से जोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जिन क्षेत्रों में भूगर्भीय जल में खारापन, आर्सेनिक और फ्लोराइड की समस्या देखने को मिल रही है, उसका कारण भूगर्भ जल का अति दोहन है। उन्होंने कहा कि प्रकृति के उपहारों के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता, नहीं तो उसकी बहुत बड़ी कीमत हमें चुकानी पड़ेगी। भूजल को सुरक्षित और प्रदूषण से मुक्त रखना आज की सबसे बड़ी जरुरत है।

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