प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शुक्रवार को यूनान की राष्ट्रपति कैटरीना एन सकेलारोपोउलू द्वारा प्रतिष्ठित ग्रैंड क्रॉस आफ द आर्डर आफ आनर से सम्मानित किया गया। यह एक विशिष्ट सम्मान है जो भारत-यूनान साझेदारी की ताकत को दर्शाता है। यह सम्मान यूनान की राष्ट्रपति द्वारा ऐसे प्रधानमंत्रियों और प्रतिष्ठित व्यक्तियों को दिया जाता है, जिन्होंने अपनी विशिष्ट पद के कारण यूनान के कद को बढ़ाने में योगदान दिया है। मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में उन्हें ग्रैंड क्रॉस आफ द आर्डर आफ आनर से सम्मानित करने के लिए राष्ट्रपति सकेलारोपोउलू और यूनान की सरकार तथा लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कार्यक्रम की एक तस्वीर साझा करते हुए कहा, यह यूनान के लोगों का भारत के प्रति सम्मान दर्शाता है। विदेश मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा कि यह भारत-यूनान साझेदारी की ताकत को प्रतिबिंबित करने वाला एक विशेष सम्मान है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, प्रशस्ति में कहा गया, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सेवा में, यह सम्मान भारत के मैत्रीपूर्ण जनों को दिया गया। इसमें कहा गया, इस यात्रा के अवसर पर यूनान सरकार भारत के प्रधानमंत्री का सम्मान करती है, जिन्होंने अपने देश को आगे बढ़ाने और उसे वैश्विक स्तर पर स्थापित करने में अथक प्रयास किए तथा जो भारत की आर्थिक प्रगति और समृद्धि के लिए व्यवस्थित रूप से कार्यरत हैं, जो बड़े सुधारों को आकार दे रहे हैं। वे ऐसे राजनेता हैं,जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों में पर्यावरण सुरक्षा व जलवायु परिवर्तन के विषय को उच्च प्राथमिकता दिलवाई है।
ग्रैंड क्रॉस आफ द आर्डर आफ आनर की स्थापना 1975 में की गई थी। सितारे के आमुख पर देवी अथेना चित्र अंकित है। इसके साथ ओनली द राइचस शुड बी आनर्ड (केवल सत्यनिष्ठ व्यक्तियों का सम्मान हो) इबारत उकेरी हुई है।प्रधानमंत्री मोदी ने यूनान में अपने कार्यक्रमों की शुरुआत एथेंस में अज्ञात सैनिकों के मकबरे पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ की। पिछले 40 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूनान की यह पहली यात्रा है। किसी शीर्ष भारतीय राजनेता की यूनान की आखिरी यात्रा सितंबर 1983 में हुई थी जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश की यात्रा की थी। इसके बाद उन्हें एक समारोह में सलामी गारद पेश किया गया। मोदी, यूनान के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस के निमंत्रण पर यहां आए हैं।