राज्यपाल को सौंपा ‘पढ़े लखनऊ-बढ़े लखनऊ’ के वर्ल्ड रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को राजभवन में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन के प्रतिनिधि योगेश मोहन गुप्ता ने,’पढ़े लखनऊ-बढ़े लखनऊ’ कार्यक्रम के तहत 1 अक्टूबर को एक साथ 2278 विद्यालयों के 9 लाख 59 हजार 27 विद्यार्थियों द्वारा पुस्तक पढ़ने का रिकॉर्ड स्थापित करने पर रिकॉर्ड्स का प्रमाण पत्र भेंट किया। इस मौके पर गुप्ता ने लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश और लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एसपी सिंह को भी वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की प्रति भेंट की।

उल्लेखनीय है कि राज्यपाल की पहल पर ही एक साथ पुस्तक पढ़ने के इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। राज्यपाल ने ‘पढ़े लखनऊ-बढ़े लखनऊ’ अभियान के अन्तर्गत विशेष योगदान देने वाले अधिकारियों, शिक्षकों, संस्थाओं एवं विद्यार्थियों को ह्यविशेष सहयोग प्रमाण पत्रह्ण प्रदान कर सम्मानित किया। सम्मानित होने वालों में प्रमुख रूप से मुख्य विकास अधिकारी मनीष बंसल, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी आलोक कुमार श्रीवास्तव, कार्यक्रम के को-आर्डिनेटर लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अनिल मिश्रा, जिला विद्यालय निरीक्षक मुकेश कुमार सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी अमर कान्त सिंह तथा जिला समन्वयक (बालिका शिक्षा) विश्वजीत पाण्डेय शामिल हैं।

इसके अलावा राज्यपाल ने कालेजों एवं स्कूलों के प्राचार्यों एवं प्रधानाचार्यों के साथ-साथ बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले एवं विशेष योगदान देने वाले बच्चों को भी ह्यविशेष सहयोग प्रमाण पत्रह्ण देकर सम्मानित किया। राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश एक बड़ा राज्य है और यहां की आबादी लगभग 23 करोड़ है। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि लखनऊ के लोगों ने एक साथ पुस्तक पढ़कर विश्व रिकार्ड स्थापित किया है। इसका श्रेय उन सभी को जाता है जिन्होंने इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और इस रिकार्ड के सहभागी बने। अब यह प्रयास होना चाहिए कि प्रदेश के 10 करोड़ लोग एक साथ पुस्तक पढ़कर ऐसा विश्व रिकार्ड बनाये, जिसे तोड़ना किसी के लिए सम्वभ न हो सके।

पटेल ने कहा यह तभी संभव है जब हम टीम वर्क के साथ कार्य करें, क्योंकि टीम वर्क के बिना सफलता प्राप्त नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी जाये। उन्होंने कहा कि माता-पिता एवं अभिभावकों को शुरू से ही अपने छोटे बच्चों में पढ़ने की आदत डालने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने बच्चों से कहा कि वे केवल पुस्तकें पढे़ं ही नहीं, बल्कि उसे याद भी रखें कि उससे क्या प्रेरणा मिली।

उन्होंने बच्चों से कहा कि वे पढ़ाई के साथ-साथ टीवी चैनलों पर आने वाले ज्ञानवर्द्धक कार्यक्रमों को भी निश्चित रूप से देखें, क्योंकि इससे उनके ज्ञान में वृद्धि ही होगी। उन्होंने कहा कि पुस्तकों के अध्ययन से हमें जो ज्ञान प्राप्त होता है, वह स्थायी होता है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव हेमन्त राव ने इस अ•िायान को सफल बनाने में सक्रिय एवं विशेष योगदान देने के लिए लखनऊ के पूर्व जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा और लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एसपी सिंह की प्रशंसा की।

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