मुंबई। सर्च इंजन गूगल भारत की रिलायंस इंडस्ट्रीज के जियो प्लेटफॉर्म्स में 7.7 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगी। इससे जियो प्लेटफॉर्म्स में 33,737 करोड़ रुपए का निवेश होगा। इसी के साथ अप्रैल से अब तक जियो प्लेटफॉर्म्स कुल 1.52 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश जुटा चुकी है। जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश की शुरुआत अमेरिका के कैलिफोर्निया की कंपनी फेसबुक ने 43,573.62 करोड़ रुपये में 9.99 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद के साथ की थी।
इसके बाद कई वैश्विक प्रौद्योगिकी निवेशक कंपनियों ने इसमें हिस्सेदारी हासिल कर निवेश किया। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कंपनी की 43वीं वार्षिक आम सभा में कहा कि गूगल के साथ जियो प्लेटफॉर्म्स का पूंजी जुटाने का चक्र पूरा हो जाएगा। गूगल कैलिफोर्निया की ही अल्फाबेट इंक के पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी है।
अंबानी ने अपने संबोधन में कहा, जियो प्लेटफॉर्म्स में एक रणनीतिक निवेशक के तौर पर हम गूगल का स्वागत करते हैं। हमने एक पक्का सौदा किया है जिसके तहत जियो प्लेटफॉर्म्स में गूगल 33,737 करोड़ रुपये का निवेश कर के 7.7 प्रतिशत हिस्सेदारी प्राप्त करेगी। इस सौदे के साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज, जियो प्लेटफॉर्म्स में अपनी कुल 32.84 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच चुकी है। इससे कंपनी ने अब तक 1,52,055.45 करोड़ रुपये का निवेश जुटाया है।
जियो प्लेटफॉर्म्स, रिलायंस की डिजिटल कारोबार इकाई है। इसी के तहत उसकी दूरसंचार इकाई जियो इंफोकॉम और अन्य ऐप कंपनियां आती हैं। हालांकि राइट्स इश्यू से प्राप्त 53,124 करोड़ रुपये और ब्रिटेन की बीपी से मिले 7,629 करोड़ रुपये के निवेश के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज अब तक कुल 2,12,809 करोड़ रुपये जुटा चुकी है। इससे कंपनी को खुद को शुद्ध ऋण से मुक्त करने में मदद मिली है।
वित्त वर्ष 2019-20 की समाप्ति पर कंपनी का शुद्घ ऋण 1,61,035 करोड़ रुपए था। कंपनी ने इसे मार्च 2021 तक शून्य करने का लक्ष्य रखा था। अंबानी ने कहा, यह राशि कंपनी के शुद्घ ऋण से अधिक है। वित्त वर्ष 2019-20 की समाप्ति पर कंपनी का शुद्घ ऋण 1,61,035 करोड़ रुपये था। रिलायंस अब सही मायनों में शुद्ध ऋण से मुक्त कंपनी हो गई है, यह उपलब्धि कंपनी ने अपने ऋणमुक्त होने के घोषित लक्ष्य मार्च 2021 से बहुत पहले प्राप्त कर ली है।
जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश करने वाली गूगल 13वीं निवेशक है। गूगल ने इस निवेश के लिए कंपनी का मूल्यांकन 4.36 लाख करोड़ रुपये किया है। हालांकि यह पिछले हफ्ते क्वालकॉम के निवेश के दौरान किए गए 4.91 लाख करोड़ रुपये के मूल्यांकन से कम है। अंबानी ने कहा कि हमारी बही-खाते की मजबूत स्थिति कारोबार के विस्तार की कंपनी की योजनाओं में सहयोग करेंगी।
कंपनी अपने कारोबार के तीनों महत्वपूर्ण क्षेत्रों जियो प्लेटफार्म्स, खुदरा कारोबार और तेल-से-रसायन कारोबार पर ध्यान दे रही है। जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश करने वाली अन्य प्रमुख कंपनियों में एल. कैटेरटन, पब्लिक इंवेस्टमेंट फंड, सिल्वर लेक और जनरल एटलांटिक शामिल हैं।इनमें से कई कंपनियों से जियो प्लेटफॉर्म्स अब तक कुल 73,636.43 करोड़ रुपये के लेनदेन को अंतिम रूप भी दे चुकी है।
अंबानी ने कहा कि गूगल करोड़ों भारतीयों की सूचनाओं तक पहुंच बनाकर उन्हें सशक्त किया है। ठीक इसी तरह जियो बदलाव और नवोन्मेष के लिए प्रतिबद्ध है। गूगल और एल्फाबेट इंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई ने कहा कि भारत के डिजिटल बदलाव में रिलायंस इंडस्ट्रीज विशेषकर जियो की अहम भूमिका है। ऐसे में उसके साथ एक अच्छा सौदा करना लाजिमी है।
जियो प्लेटफॉर्म्स में फेसबुक और गूगल के अलावा सिल्वर लेक पार्टनर्स ने 10,202.55 करोड़ रुपये में 2.08 प्रतिशत हिस्सेदारी, विस्टा इक्विटी पार्टर्स ने 11,367 करोड़ रुपये में 2.32 प्रतिशत, जनरल एटलांटिक ने 6,598.38 करोड़ रुपये में 1.34 प्रतिशत, केकेआर ने 11,367 करोड़ रुपये में 2.32 प्रतिशत, टीपीजी ने 4,546.80 करोड़ रुपये में 0.93 प्रतिशत, एल. कैटेरटन ने 1,894.50 करोड़ रुपये में 0.39 प्रतिशत।
इंटेल कॉर्प ने 1,894.50 करोड़ रुपये में 0.39 प्रतिशत, क्वालकॉम ने 730 करोड़ रुपये में 0.15 प्रतिशत, मधुबाला इंवेस्टमेंट कंपनी ने 9,093.60 करोड़ रुपये में 1.85 प्रतिशत, सऊदी अरब के पब्लिक इंवेस्टमेंट फंड ने 11,367 करोड़ रुपये में 2.32 प्रतिशत और अबू धाबी इंवेस्टमेंट अथॉरिटी ने 5,683.50 करोड़ रुपये में 1.16 प्रतिशत की हिस्सेदारी खरीदी है।