लखनऊ। गुड फ्राइडे ईसाई धर्म का एक खास पर्व है। इस दिन को ईसाई समुदाय के लोग काले दिवस के रूप में मनाते हैं। गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहा जाता है। गुड फ्राइडे के दिन राजधानी लखनऊ के सभी गिरिजाघरों में विशेष प्रार्थना आयोजित की जायेगी। मान्यता है कि इस दिन प्रभु यीशु मसीह को कई यातनाएं देने के बाद सूली पर चढ़ाया गया था। इसी वजह से ईसाई धर्म के लोग गुड फ्राइडे के दिन को प्रभु यीशु के बलिदान दिवस के रूप याद करते हैं। ये दिन ईसाई धर्म के अनुयायियों के लिए बेहद ही खास होता है। इस दिन लोग गिरिजाघरों में जाकर प्रार्थना करते हैं। साथ ही प्रभु यीशु की याद में लोग उपवास करते हैं और मीठी रोटी बनाकर खाते हैं। हर साल अक्सर अप्रैल के महीने में गुड फ्राइडे पड़ता है। ऐसे में चलिए जानते हैं इस साल का गुड फ्राइडे कब है और ये दिन क्यों मनाया जाता है। गुड फ्राइडे हर साल ईस्टर संडे से पहले पड़ने वाले शुक्रवार को आता है। ऐसे में गुड फ्राइडे 18 अप्रैल को मनाया जाएगा।
चर्चो में पैर धोकर मनाया गया पवित्र गुरुवार
लखनऊ। प्रभु यीशु मसीह के पुनरुत्थान (जी उठने) के पावन पर्व ईस्टर से पहले गुरुवार से पारंपरिक ईस्टर ट्रिडुम की शुरूआत हुई। ईस्टर से पूर्व गुरुवार को मुंदी थर्सडे (पवित्र गुरुवार) भी कहा जाता है। इस पावन अवसर पर शाम को हजरतगंज स्थित कैथेड्रल चर्च में पवित्र यूखरिस्ट (मिस्सा) का आयोजन हुआ। इस दौरान विशेष आरधना हुई। वहीं बिशप जेराल्ड जॉन मैथियास ने चर्च के 12 सदस्य के पैर धोए। प्रभु यीशु मसीह ने क्रूस पर चढ़ने से पहले प्रेम और विनम्रता का यह कार्य किया था। कैथोलिक चर्च इस दिन को कैथोलिक पुरोहिताई और पवित्र यूखरिस्ट की स्थापना का दिन भी मानता है। वहीं अलीगंज स्थित असेंबली आॅफ बिलीवर्स चर्स में मुंदी थर्सडे पर खास आरधना हुई। इस मौके पर लोगों ने प्रभु यीशु के गीत गए। पवित्र बाइबिल का पाठ किया। वहीं प्रभु यीशु के का अंतिम भोज की याद में डॉ मोरिस कुमार ने लोगों को प्रभु भोज दिया। उन्होंने लोगों के पैर धोकर उस धार्मिक संस्कार को पूरा किया जो प्रभु यीशु ने किया था। क्वायर ने रोहित की अगुवाई में विशेष गीत बार.बार बहा लहू येशु का… प्रस्तुत किया। सुरभि ने बाइबिल पाठ पढ़ा। आशीष के विशेष गीत लहू जो कल्वेरी से बहा… ने लोगों को प्रभु येशु की कुबार्नी स्मरण कराई। अंकुर ने स्तुति आराधना की। मीनाक्षी सिंह ने बाइबिल से वचन प्रस्तुत किया। प्रभु येशु के अंतिम भोज को स्मरण कर डॉ. मोरिस कुमार ने लोगों को प्रभु भोज दिया।
क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे:
प्रभु ईसा मसीह प्रेम और शांति के मसीहा थे। दुनिया को प्रेम और करुणा का संदेश देने वाले प्रभु यीशु को उस समय के धार्मिक कट्टरपंथी ने रोम के शासक से शिकायत करके उन्हें सूली पर लटका दिया था। यही वजह है कि ईसाई धर्म को मानने वाले लोग गुड फ्राइडे को काले दिवस के रूप में मनाते हैं। लेकिन कहा जाता है कि प्रभु यीशु इस घटना के तीन दिन बाद यानी ईस्टर संडे के दिन पुन: जीवित हो उठे थे।
कैसे मनाया जाता है गुड फ्राइडे:
ईसाई धर्म के लोग गुड फ्राइडे के दिन प्रभु यीशु के बलिदान को याद करते हैं। इस दिन लोग काले रंग के वस्त्र पहनकर प्रभु यीशु के बलिदान दिवस पर शोक मनाते हैं। साथ ही गिरजाघरों में जाकर विशेष प्रार्थना करते हैं। इस दिन गिरजाघरों में घंटा नहीं बजाया जाता है, बल्कि लकड़ी के खटखटे बजाए जाते हैं। साथ ही लोग चर्च में क्रॉस को चूमकर प्रभु यीशु का स्मरण करते हैं। इस दिन लोग प्रभु यीशु के उपदेशों का स्मरण करते हैं और उन्हें अपने जीवन में ढालने की कोशिश करते हैं। लोग प्रभु यीशु के बताए प्रेम, सत्य और विश्वास के मार्ग पर चलने की शपथ लेते हैं। मान्यता है कि गुड फ्राइडे के दिन प्रभु यीशु को याद करते हुए दान.धर्म के कार्य किए जाते हैं। व्रत के बाद मीठी रोटी बनाकर खाई जाती है और लोगों में वितरित किया जाता है।
गुड फ्राइडे नाम क्यों पड़ा
इस दिन प्रभु यीशु ने अपने प्राण त्यागे थे फिर भी लोग इसे गुड फ्राइडे कहते हैं। ऐसा कहने के पीछे का कारण ये है कि लोग इसे एक पवित्र दिन मनाते हैं। इस दिन लोग ईसा मसीह के बलिदान को याद करते हैं। चर्च में सेवा करके उन पलों को याद करते हैं जब यीशु ने मानव सेवा के लिए अपने प्राण त्याग दिए थे।
गुड फ्राइडे की पूरी कहानी
गुड फ्राइडे ईसाई धर्म के लोगों के लिए एक दुखद दिन है लेकिन यह दिन प्रभु यीशु मसीह के प्रेम और बलिदान की याद दिलाता है। प्रभु ईसा मसीह (जीसस क्राइस्ट) मानवता का संदेश फैलाने के लिए जाने जाते थे लेकिन जब वहां के निरकुंश शासकों को इस बारे में पता चला, तो उन्हें अपना शासन खतरे में नजर आया। निरकुंश शासकों ने ईसा मसीह पर देशद्रोह का आरोप लगाते हुए उन्हें यातनाएं देते हुए सूली पर चढ़ा दिया। शारीरिक और मानसिक यातनाओं के कारण प्रभु ईसा मसीह की मृत्यु हो गई। जिस दिन प्रभु ईसा मसीह की मृत्यु हुई, उस दिन शुक्रवार था इसलिए इस शुक्रवार को गुड फ्राइडे कहा जाने लगा क्योंकि प्रभु ईसा मसीह ने एक भले काम के लिए बलिदान दिया था। गुड फ्राइडे को हॉली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहा जाता है।
दयालुता और मानवता का संदेश देता है गुड फ्राइडे
गुड फ्राइडे को चर्च में घंटियां नहीं बजाई जाती हैं। इसके बजाय, लकड़ी से बने बॉक्स को बजाया जाता है। यह प्रभु यीशु मसीह के दुख और मृत्यु का प्रतीक है। बाइबल के अनुसार, जब यीशु मसीह को क्रॉस पर चढ़ाया जा रहा था, तो उन्होंने कहा था, “हे प्रभु इन्हें माफ करना क्योंकि यह नहीं जानते कि यह क्या कर रहे हैं।” ईसाई धर्म में प्रभु ईसा मसीह की इस दयालुता को याद रखा जाता है। लोगों को यह संदेश दिया जाता है कि उन्हें अपने दिलों में दयालुता को हमेशा जिंदा रखना चाहिए।