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गौरैया संस्कृति महोत्सव : लोक गीतों और नृत्य की प्रस्तुतियों ने समां बांधा

लोक संस्कृति में नहायी गौरैया महोत्सव की दूसरी शाम
लखनऊ। गौरैया संस्कृति महोत्सव की दूसरी शाम लोक गीतों और नृत्य की प्रस्तुतियों में नहायी रही। यहां एम्फी थियेटर लोहिया पार्क गोमतीनगर में गौरैया संस्कृति संस्थान द्वारा संस्कृति विभाग और लखनऊ विकास प्राधिकरण के सहयोग से आयोजित दूसरी संध्या का प्रारम्भ बच्चों और युवाओं के मंच प्रस्तुतीकरण से हुआ। सुर सागर संस्थान के बच्चों ने चौमासा- लाग्यो रे पर नृत्य किया। इससे पूर्व गार्गी ने गणेश वंदना गाइये गणपति जग वंदन प्रस्तुत की। सुर सागर के ही बच्चों ने- मैं राधा तू श्याम… पर समूह नृत्य भी किया तो शिव संस्कृति कला फाउंडेशन के बच्चों ने समूहगान- हम बच्चे…. प्रस्तुत किया। मीठू राय ने कजरी- सावन की बरसे बदरिया के साथ भजन- राम नाम जपियो…. गाया । महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने कार्यक्रम में बच्चों को सम्मानित किया।
यामिनी पाण्डेय ने सांस्कृतिक संध्या में विनती सुन लो हमार… स्तुति से शुरूआत करते हुए राहों पे नजर रखना… और तुम अपना रंजोगम… गजल के बाद मैं तो सारी रतिया न सोई ननदी बिंदिया जाने कहां खोई…. गीत से समापन किया। दिल्ली से आयी माधुरी मधुकर झा और मधुरम वृंद के कलाकारों ने गणेश वंदना वक्रतुण्ड महाकाय से प्रारम्भ कर आगे जै राधा जै कुंज बिहारी.., डिमिक डिमिक डमरू कर बाजे.. और अच्युम केशवम कृष्ण दामोदरम्..की मोहक प्रस्तुति दी। देशदीपक मिश्र के संचालन में आज की अंतिम प्रस्तुति अयोध्या से आयी संगीता आहूजा के दल की पुत्र कामेष्टि यज्ञ की रही। मंच पर मुखौटा नृत्य विधा के माध्यम से प्रस्तुत यह नृत्य नाटिका दर्शक वर्ग को आनंदित कर गयी। श कस्टम जीएसटी कमिश्नर उग्रसेन द्विवेदी, रजिस्ट्रार हाईकोर्ट महेन्द्र भीष्म, रश्मि मिश्र, कमलेश पाठक, डा.श्रीकान्त शुक्ल सहित गणमान्य अतिथिगणों ने वरिष्ठ उप शास्त्रीय गायक धर्मनाथ मिश्र सहित अन्य कलाकारों को सम्मानित किया। रंजना मिश्रा ने आभा शुक्ला उत्कर्ष द्विवेदी अमित श्रीवास्तव, कुमार केशव, शशि वर्मा का धन्यवाद करते हुए बताया कि गौरैया संस्थान विगत कई वर्षों से लोक संस्कृति संवर्धन के लिए कार्य कर रही है।

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