कैफी आजमी एकेडमी में तीन मार्च को होगा आयोजन
लखनऊ। के.पी. सिंह मेमोरियल चेरिटेबल ट्रस्ट की अध्यक्ष नमिता सिंह और जनवादी लेखक संघ उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव नलिन रंजन सिंह ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से अवगत कराया है कि वर्ष 2024 का कुँवरपाल सिंह स्मृति सम्मान वैज्ञानिक और लेखक गौहर रजा को दिया जाएगा। यह सम्मान आगामी 2 मार्च 2025 को अपराह्न 3:30 बजे कैफी आजमी एकेडमी, पेपर मिल कॉलोनी, निशातगंज, लखनऊ के सभागार में दिया जाएगा। सम्मान समारोह के बाद गौहर रजा का वैज्ञानिक चेतना विषय पर केंद्रित एकल व्याख्यान भी होगा।
गौहर रजा का जन्म 17 अगस्त 1956 को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनका परिवार 1958 में अलीगढ़ आ गया। उनके पिता वजीरत हुसैन (1919-2007) एक स्वतंत्रता सेनानी और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़ में एक प्रसिद्ध शिक्षाविद् और विज्ञान शिक्षक थे। उनकी माँ, एक सामाजिक कार्यकर्ता, भी स्वतंत्रता संग्राम में गहराई से शामिल थीं।
उन्होंने 1977 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) से इंजीनियरिंग में बीएससी और 1979 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली से पावर अपरेटस एंड सिस्टम्स में एमटेक पूरा किया।
1979 में वे एक बहुराष्ट्रीय कंपनी आयशर गुडअर्थ लिमिटेड में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के रूप में शामिल हुए और वहां 3 साल तक काम किया। कंपनी के सामने आने वाली कुछ बड़ी डिजाइन समस्याओं को हल किया और थोड़े समय में ही वे कार्यकारी-इंजीनियर के स्तर तक पहुँच गए। 1982 में वे एक वैज्ञानिक के रूप में राष्ट्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और विकास अध्ययन संस्थान में शामिल हुए और अभी भी वहाँ काम कर रहे हैं।
गौहर रजा के कविता संग्रह ‘जज्बों की लौ तेज करो’ को उनके स्पष्ट लहजे और सामाजिक सरोकारों के लिए जाना जाता है, जिन्हें वे संवेदनशीलता से उठाते और पेश करते हैं। अपनी सबसे प्रसिद्ध कविता “मैं चाहता हूँ” में, उन्होंने अंधेरे के दिनों में एक रोमांटिक कविता लिखने में अपनी लाचारी व्यक्त की है।