अमीनाबाद, भूतनाथ मार्केट में उमड़ी भीड़, साड़ी, लहंगा की जबरदस्त बिक्री
- पुरुषों के लिए इंडो-वेस्टर्न कुर्ता पैजामा व प्रिटेंट शर्ट खूब बिक रही
लखनऊ। दीपावली के लिए नए कपड़ों की खरीदारी भी धनतेरस के दिन खूब हुई। अमीनाबाद, आलमबाग, पत्रकारपुरम और भूतनाथ मार्केट मर्केट में कपड़े शोरूम में जबरदस्त रौनक रही। फैशन के बदलते दौर में भी महिलाओं ने मधुबनी, कांजीवरम, बंधेज और घाट चोला साड़ियां खरीदी। वहीं इंडो-वेस्टर्न कुर्ता-पैजामा और प्रिटेंट कुर्ता और शर्ट की बिक्री भी खूब हो रही है। इससे कारोबारियों के चेहरे खिल उठे। ग्राहकों को लुभाने के लिए 10 से 15 प्रतिशत तक का डिस्काउंट भी दिया गया। कारोबारियों के मुताबिक ₹दो हजार से लेकर 30 हजार रुपये तक की साड़ियां बिकीं। यूपी मॉल एसोसिएशन के प्रभारी मोहम्मद अफजल ने बताया कि कपड़ा और फैशन सेक्टर में करीब 125 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ।
दीपोत्सव के साथ-साथ आने वाले शादियों के सीजन को देखते हुए ग्राहकों ने अपनी खरीदारी की। बनारसी सिल्क, कांजीवरम, जॉर्जेट और कॉटन सिल्क की साड़ियों की मांग सबसे अधिक रही। ग्राहक खासतौर पर हाथ से बने पारंपरिक डिजाइन और बारीक कढ़ाई वाले पीस पसंद किया। वहीं लहंगा-चोली का चलन भी काफी बढ़ा है। फैंसी डिजाइन, मिरर वर्क और पेस्टल रंगों वाले लहंगे पार्टी वियर के तौर पर खूब खरीदे। वहीं पुरुष भी इस दीपावली पर पारंपरिक वेशभूषा को महत्व दिया। रेडीमेड कुर्ता-पायजामा, नेहरू जैकेट के साथ एथनिक वियर की दुकानों पर लंबी कतारें देखी गई।
भूतनाथ मार्केट के कपड़ा कारोबारी उत्तम कपूर ने बताया कि इस बार मधुबनी साड़ियां खास आकर्षण का केंद्र हैं। इन साड़ियों की विशेषता हाथ से बनाई गई वह बारीक चित्रकारी है, जो पौराणिक कथाओं, देवी-देवताओं और प्रकृति के मनमोहक दृश्यों को दशार्ती है। आमतौर पर प्राकृतिक रंगों और कपास या रेशम के कपड़े पर बनी ये साड़ियां पहनने में हल्की और आरामदायक होती हैं। तमिलनाडु के कांचीपुरम शहर में बनी कांजीवरम साड़ियां अपनी शुद्ध शहतूत रेशम, डिजाइन और चांदी के धागों के जटिल काम के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने बताया कि साड़ियों की रेंज पांच हजार रुपये से लेकर 30 हजार रुपये तक है। वहीं लहंगा एक लाख रुपये तक है।
बंधेज और घाट चोला साड़ियां
राजस्थान और गुजरात की कारीगरी का अद्भुत नमूना, बंधेज (बांधनी) साड़ियां अपनी टाई एंड डाई तकनीक और लहरिया पैटर्न के लिए जानी जाती हैं। जीवंत रंगों और छोटे-छोटे बिंदुओं से बने पैटर्न इन साड़ियों को खुशी और उमंग से भर देते हैं। वहीं बंधेज की ही एक खास किस्म, घाट चोला साड़ियां भी इस बार खूब पसंद की जा रही हैं। सिल्क या कॉटन पर जरी के काम के साथ ग्रिड पैटर्न (जाली) और बांधनी की कारीगरी इसे एक विशिष्ट पहचान देती है। श्रीराम रोड के कपड़ा कारोबारी प्रभु जालान ने बताया कि ग्राहक अब न केवल डिजाइन बल्कि साड़ियों की कहानी और उनके सांस्कृतिक महत्व को भी समझते हैं। ग्राहक अब सिर्फ सुंदर साड़ियां नहीं, बल्कि एक विरासत खरीदना चाहते हैं। मधुबनी का आर्ट वर्क, कांजीवरम की जरी की चमक और बंधेज के चटक रंग, ये सब मिलकर इस दीपावली की खरीदारी को खास बना रहे हैं।
प्रिटेंट शर्ट और कुर्ते की बिक्री अधिक
मार्केट में प्रिटेंट शर्ट और कुर्ते की बिक्री अधिक है। साथ ही इंडो-वेस्टर्न कुर्ते-पैजामे की खूब पसंद किये जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश कपड़ा उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष आशोक मोतियानी ने बताया कि पुरुषों के लिए प्रिटेंट कुर्ते और शर्ट की बिक्री तेज है। मार्केट में 1800 से लेकर 2500 रुपये तक मिल रही है।
होम फर्निशिंग आइटम गिफ्टिंग खूब बिका
धनतेरस पर घर को आकर्षक लुक देने के लिए डिजिटल प्रिंट पर्दे, कुशन कवर और बेडशीट भी खूब बिके। खासकर वेलवेट मिक्स और सिल्क जैसे हैवी फैब्रिक से बने पर्दों की मांग अधिक रही। महिलाओं ने ऐसे पर्दे पसंद किये, जिनमें डिजिटल प्रिंट और गोल्ड फॉइल वर्क हो। अमीनाबाद कारोबारी शिखा मिश्रा ने बताया कि सोफा और दीवान के लुक को कम बजट में बदलने के लिए कुशन कवर की डिमांड भी बहुत बढ़ गई है। थ्रीडी प्रिंटेड और जरी वर्क वाले डिजाइनर कुशन कवर, जो पूरे लिविंग रूम का माहौल बदल देते हैं, ग्राहकों के बीच खासे लोकप्रिय हो रहे हैं। इंदिरानगर के फर्निशिंग कारोबारी अरविंद पांडेय ने बताया कि इस भारी बिक्री का एक बड़ा कारण आकर्षक सेल और बंपर आॅफर हैं, जो रिटेल स्टोर्स और आॅनलाइन प्लेटफॉर्म दोनों जगह ग्राहकों को खरीदारी का भरपूर मौका दे रहे हैं। होम फर्निशिंग आइटम इस बार गिफ्टिंग के लिए भी खूब पसंद किया जा रहा है।