नई दिल्ली। भारत और अमेरिका ने गुरूवार को पहली टू प्लस टू वार्ता का आयोजन किया जिसमें द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तार से चर्चा होनी है और भारत-प्रशांत क्षेत्र समेत वैश्विक रणनीतिक सहयोग के विस्तार का विषय भी आएगा। यह वार्ता दो बार पहले टल चुकी है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने टू प्लस टू वार्ता के तहत अमेरिकी विदेश मंत्री माइकल आर पोम्पिओ तथा रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस से बातचीत की।
साझेदारी के स्तर को और बढ़ाया जा सकेगा
स्वराज ने प्रारंभिक वक्तव्य में कहा कि उन्हें विश्वास है कि वार्ता के परिणाम से दोनों देशों के बीच अप्रयुक्त क्षमता का लाभ उठाने में मदद मिलेगी और साझेदारी के स्तर को और बढ़ाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग के सभी प्रमुख क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। पोम्पिओ ने अपने बयान में कहा कि दोनों पक्षों को समुद्री क्षेत्र की आजादी सुनिश्चित करनी चाहिए और समुद्री विवादों के शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने बाजार आधारित अर्थशास्त्र तथा सुशासन को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया।
द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई
पोम्पिओ ने कहा, दोनों देश लोकतंत्र के साझा मूल्यों, वैयक्तिक अधिकारों के सम्मान और आजादी की साझा प्रतिबद्घता से जुड़े हुए हैं। इससे पहले आज सुबह स्वराज और सीतारमण ने क्रमश: पोम्पिओ तथा मैटिस से अलग-अलग मुलाकात की। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि बैठकों में कई प्रमुख द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने स्वराज और पोम्पिओ की बैठक को लाभकारी बताया। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों में प्रभावशाली प्रयासों की समीक्षा की और रिश्तों को और अधिक ऊंचे स्तर पर ले जाने के कदमों पर चर्चा की।