विशेष संवाददाता लखनऊ। मुख्यमंत्री ने कहा कि बुन्देलखंड और पूर्वांचल क्षेत्र में विकास की अपार सम्भावनाएं हैं। हमें इन संभावनाओं को एक्सप्लोर करना होगा। विश्वविद्यालयों, तकनीकी संस्थाओं को इस महत्वपूर्ण कार्य से जोड़ें। इनके माध्यम से कहां कौन से सेक्टर में प्रयास की आवश्यकता है, किस प्रकार की सहायता दी जानी चाहिए, इन सबका गहन अध्ययन कराया जाए। यह अध्ययन रिपोर्ट नियोजन विभाग में संकलित हों और उपयोगिता अनुसार उन्हें कार्ययोजना में शामिल किया जाए।
मुख्यमंत्री शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर नियोजन विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बुन्देलखंड और पूर्वांचल क्षेत्र के विकास के लिए आवंटित निधि का उपयोग बहुआयामी एवं दीर्घकालिक विकास को ध्यान में रखकर स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार किया जाए। उन्होंने प्रदेश में सेक्टरवार पोटेंशियल को प्रोत्साहित करने के सम्बन्ध में आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में हुए नियोजित और समन्वित प्रयासों का परिणाम है कि प्रदेश की वार्षिक आय में सतत बढ़ोत्तरी हो रही है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद 16,45,317 करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2021-22 में लगभग 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के साथ 9,74,532 करोड़ रुपये हो गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए तैयार अग्रिम अनुमानों के आधार पर राज्य आय 21.91 लाख करोड़ रुपये आंकलित हुई है। यह स्थिति संतोषप्रद है। 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य के साथ सतत्प्र यास जारी रखे जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आकांक्षात्मक जनपद कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के सभी चिन्हित जिलों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। नीति आयोग द्वारा डैशबोर्ड चैम्पियन्स आॅफ चेन्ज पर मई 2023 की सूचना के अनुसार समग्र रूप से देश के प्रथम 10 जिलों में उत्तर प्रदेश के 6 जनपद आये हैं। बलरामपुर (1), सिद्धार्थनगर (2), सोनभद्र (4), चन्दौली (5), फतेहपुर (8) तथा बहराईच (9) वें स्थान पर हैं। इसी प्रकार, स्वास्थ्य एवं पुष्टाहार विषयगत क्षेत्र में देश के प्रथम 10 जिलों में यूपी के 5 जनपद आये हैं। इसमें बलरामपुर (3), सिद्धार्थनगर (4), चन्दौली (5), सोनभद्र (7), एवं श्रावस्ती (8) वें स्थान पर है। शिक्षा विषयगत क्षेत्र में देश के प्रथम 10 जिलों में यूपी के 5 जनपद आये हैं।
बलरामपुर (1), सोनभद्र (7), श्रावस्ती (8), सिद्धार्थनगर (9) एवं चित्रकूट 10 वें स्थान पर हैं। वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास विषयगत क्षेत्र में देश के प्रथम 10 जिलों में यूपी के 2 जनपद आये हैं। सिद्धार्थनगर (5) एवं फतेहपुर (10) वें स्थान पर हैं। कार्यक्रम में अच्छी रैंक प्राप्त होने पर नीति आयोग द्वारा प्रदेश के 08 महत्वाकांक्षी जनपदों को अतिरिक्त वित्तीय प्रोत्साहन भी प्राप्त हुआ है। यह प्रयास सतत जारी रखा जाए।मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च 2022 से मार्च 2023 तक ओवरआॅल डेल्टा रैंकिंग में कुशीनगर का विष्णुपुरा विकास खंड सर्वश्रेष्ठ रहा है।
इसी प्रकार, विषयगत क्षेत्रवार डेल्टा रैंकिंग के अन्तर्गत चिकित्सा एवं पोषण में मझगवां (बरेली), शिक्षा में वजीरगंज (बदायूं), कृषि एवं जल संसाधन में भीटी (अम्बेडकरनगर), वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास में फतेहगंज (बरेली) और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट के इंडिकेटर पर सोहांव (बलिया) विकास खंड प्रथम स्थान पर रहा है। ओवरआॅल डेल्टा रैंकिंग में सर्वश्रेष्ठ विकास खंड को 2 करोड़ रुपये तथा विषयगत क्षेत्र में प्रथम स्थान पर रहे विकास खंडों को 60-60 लाख रुपये का वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आकांक्षात्मक विकास खंडों में तैनात सीएम फेलो अच्छा कार्य कर रहे हैं। इनके प्रदर्शन, योगदान की मासिक रैंकिंग तैयार की जाए। आवश्यकतानुसार इनकी ट्रेनिंग भी कराई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हर परिवार के कम से कम एक सदस्य को नौकरी, रोजगार, सेवायोजन से जोड़ने के लिए लागू फैमिली आईडी कार्यक्रम के बारे में आमजन के बीच जागरूकता बढ़ाई जाए। अब तक प्राप्त 98,046 आवेदनों में से 41,440 फैमिली आईडी निर्गत की जा चुकी है। फैमिली आईडी के आधार पर योजनाओं की मैपिंग कर, परिवारों को प्रदान की जा रही योजनाओं को सम्मिलित करते हुये, परिवार कल्याण ई-पासबुक जारी करने की तैयारी करें।