उत्तर प्रदेश में जबरन धर्मांतरण प्रतिषेध कानून के तहत पहला मामला दर्ज

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक युवती के पिता की शिकायत के आधार पर राज्य में धर्मांतरण प्रतिषेध कानून के तहत पहला मामला दर्ज किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि मामला बरेली जिले के देवरनियां थाने में शनिवार को दर्ज किया गया।

उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी की ओर से रविवार को जारी बयान के अनुसार देवरनियां पुलिस थाने (बरेली) के अंतर्गत शरीफ़ नगर गांव के टीकाराम ने यह मामला दर्ज कराया है, जिसमें उसने उसी गांव के एक व्यक्ति – उवैश अहमद पर उसकी बेटी को बहला फुसलाकर धर्मांतरण की कोशिश करने का आरोप लगाया।

उवैश अहमद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और नए जबरन धर्मांतरण प्रतिषेध कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। बरेली परिक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक राजेश पांडेय ने रविवार को इस संदर्भ में पत्रकारों को बताया कि राज्यपाल द्वारा अधिसूचित किए जाने के बाद धर्मांतरण प्रतिषेध कानून पूरे प्रदेश में शनिवार से ही लागू हो गया है।

पांडेय ने बताया कि पहला मामला बरेली जिले के थाना देवरनिया में टीकाराम की तहरीर पर दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि वादी के अनुसार उसके गांव के ही एक युवक द्वारा जबरन धर्मांतरण का दबाव बनाया जा रहा था जिस पर आईपीसी की धाराओं के साथ ही नए अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पांडेय ने बताया कि इस मामले में प्रभारी निरीक्षक देवरनियां द्वारा विवेचना की जा रही है।

बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवाण ने रविवार को बताया कि आरोपी की तलाश के लिए पुलिस की चार टीमें बनाई गई हैं। शिकायत के अनुसार टीकाराम की बेटी और उवैश अहमद कक्षा 12वीं में एक ही कालेज में पढ़े हैं। पीड़िता के पिता ने बताया कि उनकी बेटी इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद दूसरे कालेज में पढ़ने लगी।

उन्होंने बताया कि तीन साल पहले उवैश अहमद ने उस पर धर्म परिवर्तन कर निकाह करने का दवाब बनाया, लेकिन जब अहमद धमकी देने लगा तो उसने परिजनों को यह बात बताई। लड़की के पिता ने बताया कि इस बीच लड़की की शादी हो गई लेकिन उसकी शादी के बाद भी उवैश अहमद परिजन को परेशान करता रहा।

लड़की के पिता ने बताया कि शनिवार को उवैश उनके घर आ गया और कहने लगा, अपनी बेटी को ससुराल से घर बुलाओ, उसे मुझसे निकाह करना होगा। टीकाराम के मुताबिक अहमद ने तमंचा दिखाकर जान से मारने की धमकी भी दी। उन्होंने बताया कि शनिवार रात आठ बजे लड़की के पिता थाने पहुंचे और पूरा घटनाक्रम बताया। उनकी तहरीर पर शनिवार की रात 11 बजे देवरनियां थाने में मामला दर्ज किया गया है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 को शुक्रवार को मंजूरी दे दी और शनिवार को यह कानून पूरे प्रदेश में लागू हो गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में पिछले मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इस अध्यादेश को मंजूरी दी गई थी। इसमें विवाह के लिए छल, कपट, प्रलोभन देने या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 वर्ष कारावास और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

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