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देशी मदिरा के लिए 18 प्रतिशत शीरा आरक्षित
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मीरजापुर में बनाया जायेगा विन्ध्यवासिनी मन्दिर कॉरीडोर
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बुन्देलखण्ड व विन्ध्य क्षेत्र में पेयजल परियोजना को हरी झंडी
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उप्र प्रोपुअर पर्यटन विकास परियोजना का होगा सुचारू संचालन
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टोक्यो, जापान के मध्य हस्ताक्षरित होगी एमओसी
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केन्द्र को भेजा गया श्री शुकदेव आश्रम को 5 एकड़ लीज पर भूमि देने का प्रस्ताव
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत प्रदेश में ‘कृषि’ भू-उपयोग की भूमि को ‘औद्योगिक’ भू-उपयोग में परिवर्तन के लिये शुल्क की दर को 35 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत किये जाने का योगी मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है।
इसके लिए उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास (भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क का निर्धारण, उद्ग्रहण एवं संग्रहण) नियमावली-2014 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गयी है। इस फैसले से सूबे में औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी साथ ही रोजगार के अवसरों का भी सृजन होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को सम्पन्न हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिये गये। मंत्रिपरिषद ने ‘कृषि’ भूउपयोग की भूमि को ‘औद्योगिक’ भूउपयोग में परिवर्तन के लिये उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास (भूउपयोग परिवर्तन शुल्क का निर्धारण, उद्ग्रहण एवं संग्रहण) नियमावली-2014 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। यह निर्णय आदेश निर्गत होने के उपरान्त तत्काल प्रभाव से लागू किया जायेगा।
भूउपयोग परिवर्तन शुल्क में कमी होेने से उद्यमी औद्योगिक विकास के लिये प्रोत्साहित होंगे। औद्योगिक समूह प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए आकर्षित होंगे। परिणाम स्वरूप में प्रदेश में औद्योगिक विकास और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। औद्योगिक इकाइयों की स्थापना से सम्बन्धित क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी।
मीरजापुर में विन्ध्यवासिनी मन्दिर (कॉरीडोर) परिक्रमा मार्ग बनाये जाने के लिये परियोजना के क्रियान्वयन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। मंत्रिपरिषद द्वारा परियोजना की कार्यवाही के लिये निर्णय लिए जाने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।
प्रदेश में स्थित चीनी मिलें एवं उनकी आसवनियों द्वारा एथनॉल, देशी मदिरा आसवनियों एवं शीरे पर आधारित इकाइयों को निर्बाध रूप से शीरा उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये मंत्रिपरिषद द्वारा शीरा नीति 2020-21 को अनुमोदित किया गया है। शीरा वर्ष 2020-21 में शीरे के अनुमानित उत्पादन 533.50 लाख कुंतल के सापेक्ष देशी मदिरा के लिये आरक्षित शीरे की आवश्यकता 96.77 लाख कुन्तल आंकलित होती है। अत: देशी मदिरा आपूर्तक आसवनियों को समुचित मात्रा में शीरा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये शीरा सत्र 2020-21 के लिए देशी मदिरा के लिए 18 प्रतिशत शीरा आरक्षित किया जाएगा।
मंत्रिपरिषद ने गोरखपुर में जिला जेल बाईपास मार्ग के चार-लेन चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण (शहरी अन्य जिला मार्ग) कराये जाने के प्रस्ताव को अनुमति प्रदान कर दी है।
मंत्रिपरिषद ने ‘जल जीवन मिशन’ के अन्तर्गत प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र, विन्ध्य क्षेत्र तथा गुणता प्रभावित ग्रामों में पेयजल योजना के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में प्रस्तुत प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
बुन्देलखण्ड-विन्ध्य क्षेत्र विभिन्न जिलों के ग्रामों में पेयजल आपूर्ति के लिये परियोजना के निर्माण के निमित्त कार्यदायी फर्मों के माध्यम से आगणनों का विरचन कराया गया।
मंत्रिपरिषद ने विश्व बैंक सहायतित उप्र प्रोपुअर पर्यटन विकास परियोजना के सुचारू संचालन एवं क्रियान्वयन के लिये प्रस्तुत प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। मंत्रिपरिषद द्वारा परियोजना में संशोधन के लिये मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है। परियोजना कुल 57.14 मिलियन यूएस डॉलर (371.43 करोड़ रुपये) से संचालित की जाएगी, जिसमें 70 प्रतिशत विश्व बैंक द्वारा एवं 30 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
मंत्रिपरिषद ने कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग, उत्तर प्रदेश शासन, भारत एवं कृषि, वन एवं मत्स्य मंत्रालय, टोक्यो, जापान के मध्य मेमोरेंडम ऑआॅफ कोऑपरेशन (एमओसी) हस्ताक्षरित किये जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
इसके अलावा मंत्रिपरिषद ने श्री शुकदेव आश्रम स्वामी कल्याण देव सेवा ट्रस्ट, शुक्रताल, मुजफ्फरनगर को लीज पर दी गयी 5 एकड़ वन भूमि के आगामी 30 वर्षों के लिये (1 जनवरी 10 से 31 दिसम्बर 2039 तक) लीज नवीनीकरण की अनुमति विषयक प्रस्ताव राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड की स्थायी समिति के अनुमोदनार्थ भारत सरकार को भेजे जाने के प्रस्ताव को अनुमति प्रदान कर दी है।