कानून का भय होगा तो घटेंगे अपराध: योगी

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सुशासन की ठोस नींव कानून के राज में ही स्थापित हो सकती है। अगर कानून का राज नहीं है तो सुशासन की परिकल्पना ही अपने आप में बेमानी है। इस दृष्टि से हम सबको फोकस करना होगा। उन्होंने कहा कि जब अपराधी के मन में कानून का भय होगा, तो खुद ही अपराध कम हो जाएंगे।

उन्होंने कहा कि महिला और बच्चों के प्रति हो रहे अपराध से निपटने के लिए सरकार राज्य में 218 फास्ट ट्रैक कोर्ट (त्वरित सुनवायी अदालत) स्थापित कर रही है। साइबर अपराध से निपटने के लिए हर रेंज स्तर पर एक-एक साइबर थाना और फॉरेंसिक सेंटर खोला जा रहा है। यही नहीं, उत्तर प्रदेश सरकार का अपना एक फॉरेंसिक विश्वविद्यालय भी स्थापित किया जाएगा। शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में ‘साइबर क्राइम विवेचना और महिला व बालकों के विरुद्ध अपराध’ विषय पर अभियोजकों व विवेचकों की दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री ने ये विचार व्यक्त किये।

अभियोजन मुख्यालय की स्थापना के बाद बीते 40 सालों में यह पहला मौका था, जब मुख्यमंत्री उनके कार्यक्रम में पहुंचे। इस अवसर पर योगी ने पहली अभियोजन दिग्दर्शिका का विमोचन भी किया। साथ ही, ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल में यूपी के नंबर वन होने की शुभकामनाएं भी दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विवेचना ठोस तथ्यों और साक्ष्यों पर आधारित होगी तो बेहतर पैरवी कर अभियोजन अधिकारी समय से अपराधियों को सजा दिला सकेंगे।

उन्होंने कहा कि जब पूरे देश में महिलाओं से संबंधित अपराधों को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही हो और साइबर क्राइम की बढ़ती दुष्प्रवृत्ति से जब आमजन के मन में नई आशंका जन्म ले रही हो। तब मुझे विश्वास है कि इन स्थितियों में देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में इस गंभीर मुद्दे पर दो दिवसीय कार्यशाला ठोस निष्कर्ष पर पहुंचेगी और व्यापक कार्ययोजना के साथ हमे उसे बढ़ाने में सफल होंगे।

योगी ने कहा कि महिला व बालक संबंधी अपराधों में समय बद्ध कार्रवाई के बाद भी घटनाओं में बढ़ोतरी के पीछे मुख्य कारण जिला स्तर पर समन्वय का अभाव था। अंतर विभागीय समन्वय के फामूर्ले पर डीएम-एसपी को काम करने के निर्देश दिए गए। उन्हें जिला जज की अध्यक्षता में गठित जिला मानीटरिंग कमेटी की बैठक में पॉक्सो (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंसेस) के मामले में प्राथमिकता तय करने को कहा गया।

योगी ने कहा कि समय से मिला न्याय ही न्याय कहलाता है। बीते छह माह में पॉक्सो के मामलों में तीन-चार दिनों में चार्जशीट दाखिल कर दिन प्रतिदिन सुनवाई कराकर चंद दिनों में आरोपितों को सजा दिलाई गई है। इससे एक बड़े तबके तक में कानून का संदेश जाता है।

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