चंडीगढ़। केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात रेडियो कार्यक्रम के दौरान पंजाब और हरियाणा के कुछ स्थानों पर किसानों ने रविवार को थाली बजाई। किसान नेताओं ने दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर 20 दिसम्बर को संवाददाता सम्मेलन में लोगों से प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान इन कानूनों के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए थाली बजाने को कहा था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसी तरह मार्च में लोगों से कोरोना वायरस से निपटने में अग्रिम पंक्ति के लोगों का आभार जताने के लिए पांच मिनट के लिए ताली, थाली या घंटी बजाने के लिए कहा था। किसानों ने पंजाब के अमृतसर, संगरूर, तलवंडी साबो, बठिंडा, तरनतारन और गुरदासपुर जिलों में जबकि हरियाणा के रोहतक और जींद जिलों में विरोध प्रदर्शन के दौरान थालियां बजाईं। अमृतसर में एक प्रदर्शनकारी ने कहा, कृषि कानूनों के खिलाफ उनके आंदोलन में आम लोग भी किसानों के साथ हैं।
हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी इन कानूनों के खिलाफ विरोध करने के लिए किसानों के एक समूह के साथ रोहतक जिले में मकरौली टोल प्लाजा गए। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों से प्रतिक्रिया मिली है कि हरियाणा में राजमार्गों पर टोल वसूली तब तक रोक दी जानी चाहिए, जब तक कि केंद्र आंदोलनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार नहीं करता। गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर किसान नवम्बर के अंतिम सप्ताह से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।