यूपी से किसानों का पलायन रुका : योगी

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान में शासन की योजनाओं का सर्वाधिक लाभ किसान को मिल रहा है। पहली बार किसान सरकार के एजेण्डे में सबसे ऊपर है। उन्होंने कहा कि इसी का परिणाम है कि कृषि से किसानों का पलायन रूक गया है।

मुख्यमंत्री शुक्रवार को लोकभवन में आयोजित प्रगतिशील कृषक सम्मेलन व कृषि कल्याण केन्द्रों एवं नए कृषि विज्ञान केन्द्र के शिलान्यास अवसर पर बोल रहे थे। इस मौके पर उन्होंने पांच किसान कल्याण केन्द्रों (बाराबंकी में विकास खण्ड फतेहपुर और राम नगर तथा हरदोई में मल्लावा, टोडरमल एवं पाली) तथा अमरोहा के कृषि विज्ञान केन्द्र का शिलान्यास किया। उन्होंने 11 कृषक उत्पादक संगठनों को चेक तथा कस्टम हायरिंग सेण्टर के नौ लाभार्थियों को प्रतीक स्वरूप चाभी भेंट की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिला तथा समाज के सभी तबके के लिए कार्य कर रही है। राज्य सरकार ने भी उसे अंगीकार करके लागू किया है। देश में नया परिवर्तन देखने को मिल रहा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश ने नये भारत का सपना साकार किया है। इसका केन्द्र बिन्दु किसान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्रोक्योरमेन्ट योजना के तहत किसानों से खरीद की जा रही है। इस वर्ष 50 लाख मीट्रिक टन धान का क्रय इस नीति के तहत किया गया है। ढुलाई व छिनाई के लिए अतिरिक्त पैसा भी मण्डी परिषद के माध्यम से दिया जा रहा है। इस तरह से किसानों को प्रति कुन्तल 1855 रुपए का भुगतान उनके खाते में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा गन्ना किसानों को अब तक 82 हजार करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार आलू के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 352 कृषि उत्पादक संगठन हैं।

उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में सभी 823 विकास खण्डों में एक-एक कृषि उत्पादक संगठन अनिवार्य रूप से कार्य प्रारम्भ करें। द्वितीय चरण में 8,000 से अधिक न्याय पंचायतों के स्तर पर एक-एक कृषि उत्पादन संगठन और तृतीय स्तर पर 60,000 ग्राम पंचायतों में एक एक कृषि उत्पदक संगठन अवश्य हो। मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार ने लघु एवं सीमान्त किसानों का ऋण माफ किया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि तथा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना जैसी योजनाओं ने किसान के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है।

उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्रों के साथ किसानों को जोड़ने का प्रयास फलीभूत हो रहा है। इसी का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश में 604 लाख मीट्रिक टन का रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन हुआ है। अब भारत कृषि में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1978 में शुरू की गयी बाण सागर परियोजना को राज्य सरकार ने जुलाई, 2018 में पूरा किया, जिसे प्रधानमंत्री ने 15 जुलाई, 2018 को राष्ट्र को समर्पित किया। सरयू नहर परियोजना, मध्य गंगा परियोजना, अर्जुन सहायक परियोजना, कनहर परियोजना आदि को तेजी से पूरा किया जा रहा है। इन परियोजनाओं के पूरा होने से सिंचन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल निर्देशन में कृषि के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किए है। उत्तर प्रदेश की भूमि अत्यधिक उर्वर है। वर्तमान में प्रदेश की कृषि दर 11.5 प्रतिशत है, जो देश में सर्वाधिक है। गन्ना मंत्री सुरेश राणा तथा प्रमुख सचिव कृषि अमित मोहन प्रसाद सहित कृषि विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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