महिमा तिवारी
लखनऊ। आई फ्लू यानी कंजेक्टिवाइटिस वैसे तो हर साल मानूसनी सीजन में फैलता है। लेकिन इस बार इसका प्रकोप कुछ ज्यादा ही है। प्रदेश के कई जिले इसकी चपेट में हैं। तेजी से बढ़ रहे इस वायरस के कारणों की जांच करने के लिए केजीएमयू शोध करेगा।
केजीएमयू नेत्र रोग विभाग के प्रोफेसर अरूण कुमार शर्मा का कहना है कि बीते एक सप्ताह से यह वायरस अधिक आक्रामक हो रहा है। एक हफ्ते की भीतर आई फ्लू के मरीजों की संख्या में 20 फीसदी तक इजाफा हो गया है। उनका कहना है कि यह रोग हर साल बरसात के मौसम में होता है लेकिन इस बार इसका प्रसार कुछ ज्यादा ही है। इसी क्या वजह है। कहीं वायरस में कोई बदलाव तो नहीं हुआ है, इसका पता लगाने के लिए शोध किया जायेगा।
मालूम हो प्रदेश में आई फ्लू के मरीज लगातार बढ़ रहे है। इस बीमारी में आंखें लाल हो जाती है। पलकों में सूजन आ जाती है और दर्द भी होता है। डा. शर्मा का कहना है कि आईफ्लू के सबसे अधिक मरीज ओपीडी में आ रहे हैं। उन्होंने बताया कम तापमान और हाई ह्यूमिडिटी की वजह से लोग बैक्टीरिया, वायरस और एलर्जी के संपर्क में आते हैं। यही एलर्जिक रिएक्शन्स और आई इन्फेक्शन जैसे कंजंक्टिवाइटिस का कारण बनते हैं।
आंखों में खुजली या सूजन होने का मतलब है कि कंजंक्टिवाइटिस है। इस कंडीशन में बार-बार आंखों में हाथ लगाने से दूसरी आंख में भी इसके होने का रिस्क बढ़ जाता है। ऐसे में यह बचाव करना चाहिए। इसलिए हाथों से रगड़ना या छूना नहीं चाहिए। यह इंफेक्शन तेजी से फैल रहा है। एक व्यक्ति के होने पर बचाव न करने पर पूरा परिवार इसकी चपेट में आ रहा है। इसमें बच्चों की तादाद अधिक है।
संक्रमित मरीज के संपर्क में आने से बचकर इस पर काबू पाया जा सकता है। उनकी सलाह है कि यदि कोई व्यक्ति इससे संक्रमित हो जाए तो घर के शौचालय और स्नानघर की सफाई पर विशेष ध्यान देना है। अगर संक्रमण है तो आंखों पर काले चश्मे का प्रयोग करें और लोगों से दूरी बना लें। संक्रमित व्यक्ति से औरों को भी संक्रमण का खतरा होता है। इसलिए संक्रमित व्यक्ति की आंखों के लिए अलग आई ड्राप रखना है। बैगर डॉक्टर की सलाह के कोई दवा न लें। इससे संक्रमण और बढ़ सकता है।
संक्रमित व्यक्ति की आंखों में देखने से नहीं फैलता फ्लू
डा. अरूण शर्मा का कहना है कि जब किसी व्यक्ति को आईफ्लू होता है तब उसकी आंख में देखने से फ्लू नहीं होता है। बल्कि यह फ्लू संपर्क में आने के बाद ही फैलता है। अगर किसी कंजंक्टिवाइटिस मरीज के मेकअप कॉजल, आई लाइनर, टॉवल या रूमाल यूज करते हैं तो इस इन्फेक्शन के होने के सम्भावना बढ़ जाती हैं।
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