शैलेन्द्र श्रीवास्तव लखनऊ। राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे से शुक्रवार को वॉयस ऑफ लखनऊ ने आगामी लोकसभा चुनाव से लेकर पार्टी की तैयारी, रणनीति, विस्तार और इंडिया गठबंधन के प्रति दलों के साथ आने समेत अनेक मुद्दों पर चर्चा की। फिलहाल उन्होंने इंडिया गठबंधन को लेकर स्पष्ट रूप से कहा कि इस गठबंधन में समान विचारधारावाले सभी दलों का स्वागत है। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश :-
आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर रालोद की क्या रणनीति है?
उत्तर प्रदेश में प्राथमिकता के तौर पर सभी लोकसभा क्षेत्रों में पार्टी कार्यक्रम कर रही है। पार्टी ने लगातार बहुजन उदय अभियान चलाया। अग्निवीर योजना के खिलाफ पंचायत की। हाथरस की बेटी जबरन जलायी गयी तो पार्टी की ओर से पूरे पश्चिमी यूपी में पंचायत की गयी। गन्ना किसानों का बकाया भुगतान कराने और एमएसपी दिलाने के लिए किसान संदेश अभियान चलाया। तीन काले कानून को लेकर आये भाजपा सरकार के खिलाफ पश्चिमी यूपी में रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने सारी पंचायत की, जिससे माहौल बना और सरकार को कानून वापस लेना पड़ा।
पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए क्या कर रही है?
इस समय पार्टी संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने के लिए समरस्ता अभियान और भाईचारा सम्मेलन कर रही है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से पार्टी गांव-गांव जा रही है। रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने 1600 गांवों में पहुंचने का लक्ष्य तय किया है। भाजपा की नकारात्मक राजनीति के चलते माहौल बहुत खराब हो गया था, जिसे इन अभियानों के द्वारा ठीक किया जा रहा हे। लोग एक-दूसरे के गले मिलने का काम कर रहे है।
रालोद इंडिया गठबंधन से कितनी सीटों की अपेक्षा करता है?
हम इंडिया गठबंधन का हिस्सा है। यहां सवाल सीटों का नहीं है, भाजपा को परास्त करने का है। गठबंधन के फार्मूले के अनुसार जहां से जो दल मजबूत स्थिति में होगा, वहां से उनका प्रत्याशी चुनाव लड़ेगा।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की लगातार बसपा से नजदीकियां बढ़ाने की खबरें सामने आ रही है, क्या इससे इंडिया गठबंधन पर कोई असर पड़ेगा?
कांग्रेस इंडिया गठबंधन में है। वह यही चाहते हैं कि जो दल भाजपा के खिलाफ हैं। वह एक मंच पर आयें और एक साथ मिलकर भाजपा को हराने का काम करें। कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय यदि बसपा को गठबंधन में शामिल करने में सफल होते है तो अच्छी बात है। देश के सभी दलों को एक मंच पर भाजपा के खिलाफ लाने का काम बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने किया। इस समय 28 दल गठबंधन का हिस्सा हैं। अब किसी को उसके विस्तारीकरण का काम करना ही है और इसी नीति पर सभी दल काम कर रहे हैं। अब यह बसपा प्रमुख मायावती को तय करना है कि वह भाजपा के खिलाफ एक मंच पर आयेंगी या फिर अकेले लड़ेंगी। फिलहाल हमारा प्रयास है कि मायावती भी इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनें।
घोसी उपचुनाव की जीत किसकी मानते हैं सपा या इंडिया गठबंधन की?
घोसी उपचुनाव की जीत इंडिया गठबंधन की पहली जीत है। घोसी की जनता ने भाजपा की नकारात्मक विचारधारा के खिलाफ सकारात्मक कदम उठाया है। घोसी की जनता ने आगामी लोकसभा चुनाव का एजेण्डा तय कर दिया है। उन्होंने धर्म और जाति के आधार पर हो रही राजनीति को नकार दिया है बल्कि अब चुनाव विकास, रोजगार, महंगाई के मुद्दों पर होगा।
भाजपा इंडिया गठबंधन पर बिन दुल्हे की बारात होने का आरोप लगाती है, यदि गठबंधन की जीत हुई तो प्रधानमंत्री का चेहरा कौन होगा?
इंडिया गठबंधन के चुनाव जीतने पर लोकसभा के सांसद तय करेंगे कि उनका नेता कौन होगा, यह काम उनका है। इससे पहले सन् 1977 और 1989 में भी सांसदों ने अपना नेता चुना था। इंडिया गठबंधन में 28 दल है और यहां पर नेताओं की कमी नहीं है।
भाजपा लगातार इंडिया गठबंधन को निशाने पर लेती है और भ्रष्टाचारियों का दल होने का आरोप लगाती है, इस पर आपकी क्या राय है?
भाजपा के विपक्ष में जो भी दल है, उन सभी पर आरोप लगाते हैं। इस पर कैसे विश्वास किया जाये। भाजपा जिसे भ्रष्टाचारी कहती है यदि वह भाजपा का अंग बन जाये या शामिल हो जाये तो वह दूध का धुला हो जाता है। भाजपा ने अजीत पवार पर कई आरोप लगाये लेकिन भाजपा के साथ आते है वह दूध के धुले हो गये। भ्रष्टाचारी कौन है यह जनता सब जानती है।