बरेली। इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान समेत आठ लोगों को शनिवार तड़के पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं, अब तक कुल 40 लोगों को पकड़ा गया है और लगभग 2000 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अनुराग आर्य ने संवाददाताओं को बताया,तौकीर रजा को हिरासत में ले लिया गया है और अग्रिम विधिक कार्वाई की जा रही है।
बरेली में स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है। सूत्रों के अनुसार, पुलिस हिरासत में लिए जाने से पहले मौलाना ने शुक्रवार रात एक वीडियो बयान जारी किया जिसमें बरेली में हुई झड़पों के आधिकारिक बयानों का खंडन किया और आरोप लगाया गया कि उन्हें नजरबंद कर दिया गया है, जिससे वे अपने समर्थकों को संबोधित नहीं कर पा रहे हैं। बरेली में शुक्रवार को सुबह उस समय हिंसा भड़क उठी, जब नमाज के बाद आई लव मोहम्मद अभियान के समर्थन में भारी भीड़ जमा हो गई। अपने वीडियो में मौलाना रजा ने प्रदर्शन में शामिल हुए लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा,इसमें भाग लेने वाले नौजवानों को मैं बधाई देता हूं।
उन्होंने नमाज के बाद जिलाधिकारी के माध्यम से मुसलमानों की समस्याओं को लेकर राष्ट्रपति को एक पत्र सौंपने की अपनी योजना का जिक्र करते हुए अफसोस जाहिर किया,उन्हें घर में ही पुलिस ने नजरबंद कर दिया। इसीलिए मैं कल रात से अपने दोस्त के घर पर रहा। उन्होंने आरोप लगाया,मेरे फर्जी लेटरहेड का इस्तेमाल किया गया और एक झूठा बयान प्रकाशित किया गया। खान ने कहा कि जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उनके घर उस समय पहुंचे, जब वह नमाज के लिए निकलने वाले थे और पुलिस बल बुलाकर उन्हें नजरबंद कर दिया। उन्होंने चेतावनी दी,धार्मिक भावनाओं को दबाने की कोशिशें उल्टी पड़ेंगी।
पुलिस इस मामले को जितना दबाने की कोशिश करेगी, यह उतना ही उभरेगा। अगर धार्मिक मामलों को रोकने की कोशिश की जाएगी, तो कोई चुप नहीं बैठेगा। मौलाना ने कहा,अगर मैं नमाज पढ़ने गया होता, तो ऐसा कुछ नहीं होता। मुसलमानों पर जानबूझकर लाठियां चलाई गर्इं और उन पर आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने कहा,मैं इस समय नजरबंद हूं।
अगर मुझे गिरफ्तार कर लिया जाए तो मुझे खुशी होगी। जैसे अतीक को गोली मारी गई, वैसे ही मुझे भी गोली मार दो। लेकिन सरकार को उत्तर प्रदेश और देश का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया,अगर पुलिस का यही तरीका रहा तो मुल्क के हालात बिगड़ने का अंदेशा है। मैं नहीं चाहता कि मेरे देश और मेरे शहर का माहौल खराब हो। इस बार कोई हिंदू-मुस्लिम झगड़ा नहीं हुआ, पुलिस ने खुद जनता को नुकसान पहुंचाया और मुसलमानों पर अत्याचार किए।
खान का यह बयान जिलाधिकारी अविनाश सिंह और उप महानिरीक्षक अजय कुमार साहनी द्वारा यह कहे जाने के बाद आया है कि बरेली में हिंसा एक सुनियोजित साजिश का नतीजा थी।